Rajiv Gandhi Proudyogiki Vishwavidyalaya (R.G.P.V) BHOPAL कैंपस में एक बार फिर गैंगवार हो गई। आपराधिक मानसिकता वाले स्टूडेंट्स की गैंग ने दीपावली के पहले जूनियर स्टूडेंट को मारा था। उसके दोस्त ने कोई कमेंट कर दिया इसलिए गुरुवार-शुक्रवार की मध्य रात्रि जूनियर स्टूडेंट्स के हॉस्टल पर हमला कर दिया और कमेंट करने वाले स्टूडेंट को चाकू मार दिया। इतना होने के बाद भी पुलिस ने ना तो अवैध हथियार जप्त किया और ना ही कोई मामला दर्ज किया। मैनेजमेंट तो पिछले कई सालों से कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिस कैंपस में कभी इंजीनियरिंग के इनोवेशन हुआ करते थे, अब अवैध हथियार लहराते हैं।
एपीजे हॉस्टल - वार्डन कैंपस में नहीं रहते, गार्ड मदद नहीं करता
छात्रों ने बताया कि दीपावली के पहले थर्ड ईयर स्टूडेंट्स ने जूनियर से मारपीट की थी। जिससे मारपीट हुई, उसके दोस्त ने कहा था कि मैं वहां होता तो ऐसा नहीं होता। यह बात मारपीट करने वाले छात्रों को पता चली तो इस छात्र को भी सबक सिखाने के लिए वे हॉस्टल में घुसे थे। छात्र पर चाकू से हमला किया। उसके सीने पर खरोंच आई व हाथ में गहरा घाव लगा। छात्रों ने बताया कि गार्ड कोई मदद नहीं कर सका। एक छात्र ने वार्डन डॉ. मनोज पांडेय को कॉल किया कि एक कमरे के अंदर दो छात्र फंसे हैं और बाहर 50 लोग घेरकर खड़े हैं। वो चिल्ला रहे हैं कि ये हमें मार देंगे। हालांकि इनके रूम को हॉस्टल के ही छात्रों ने इस आशंका में घेर रखा था कि अंदर हमलावर छुपे हैं। वार्डन का निवास तीन किमी दूर है। वे रात 11.30 एपीजे हॉस्टल में पहुंचे। घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया और कमरे में फंसे दो छात्रों को पूरी रात अपने घर रखा।
पुलिस आई और समझौता करवा दिया
गांधी नगर पुलिस भी कैंपस पहुंची और पूछताछ की। कैंपस में अफरा-तफरी रात दो बजे तक रही। पीड़ित छात्र शिकायत करना चाहता था लेकिन दूसरे गुट के छात्र ने कहा कि उनके साथ भी सुबह मारपीट की गई। पुलिस को मामला दर्ज करना चाहिए था क्योंकि रात में अवैध हथियार का उपयोग हुआ है। सुबह मारपीट हुई थी या नहीं, इसकी जांच की जा सकती थी। या फिर पुलिस को दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए था और इन्वेस्टिगेशन में यदि पाया जाता कि किसी ने झूठी शिकायत किया तो उसके खिलाफ एक और मामला दर्ज करना चाहिए था परंतु पुलिस ने ऐसा नहीं किया। एक बार फिर दोनों पक्षों के बीच में समझौता करवा दिया गया।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कैंपस लावारिस होता जा रहा है
एपीजे हॉस्टल में 400 छात्र रहते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए केवल एक सिक्योरिटी गार्ड है। जब भी कोई हंगामा होता है गार्ड चुपचाप खड़ा रहता है। किसी भी हॉस्टल के आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। वार्डन को हॉस्टल कैंपस में रहना चाहिए परंतु हॉस्टल में नहीं रहते। चंद्रशेखर हॉस्टल, अवैध छात्रों का अड्डा बन गया है। इसी हॉस्टल के गुंडे एपीजे हॉस्टल में आकर गुंडागर्दी करते हैं। माहौल बॉलीवुड फिल्म जैसा है। कभी भी गैंगवार हो जाती है। सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है और नियम तोड़ने वालों को कोई दंड नहीं दिया जाता है। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कैंपस लावारिस होता जा रहा है।
प्रो. सुधीर सिंह भदौरिया, डायरेक्टर, यूआईटी, आरजीपीवी ने बयान दिया है कि, छात्रों के बीच भले समझौता हो जाए लेकिन इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाने के इंतजार किए जा रहे हैं। विनम्र अनुरोध 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। भोपाल के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें।
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