INDORE LOCAL NEWS नहीं पढ़ने के कारण महिला कारोबारी 1.60 करोड़ की ठगी का शिकार

मध्य प्रदेश के अकेले इंदौर शहर में पिछले 3 महीने में 64 मामले हो चुके थे। यदि राठी ग्रुप की वंदना गुप्ता इंदौर की लोकल न्यूज़ पढ़ती तो 1.60 करोड रुपए की ठगी का शिकार होने से बच जाती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इंदौर में डिजिटल अरेस्ट का 65वां मामला दर्ज हो गया। पूरे 3 दिन तक इतने तनाव में रही कि शेयर बाजार के असली नकली की समझ रखने वाली महिला कारोबारी असली नकली नहीं समझ पाई। 

RATHI GROUP INDORE की वंदना राठी की शिकायत

RATHI GROUP INDORE का शेयर एंड कमोडिटी का कारोबार है। महिला कारोबारी का नाम वंदना गुप्ता, उम्र 40 वर्ष और उनके पति का नाम राजीव गुप्ता है। उन्होंने साइबर सेल इंदौर में शिकायत की है। वंदना गुप्ता ने शिकायत में बताया कि 9, 10 व 11 नवंबर को उनके पास वीडियो कॉल आया। कॉलर ने ईडी अफसर बनकर बात की और कहा- तुम्हारे खातों में अवैध ट्रांजेक्शन हुए हैं। ये एक मनी लॉन्ड्रिंग केस है। इसमें हमने नरेश गोयल नामक व्यक्ति को पकड़ा है। उसने आपके खाते में ये रुपए ट्रांसफर किए जाने की बात कही है। आपके खातों का वैरिफिकेशन करना होगा। ठगों ने खुद को ईडी अधिकारी बताकर एक करोड़ 60 लाख रुपए ट्रांसफर करवाए और गोल्ड लोन लेने का दबाव बनाया।

उच्च शिक्षित वंदना राठी ठगी का शिकार क्यों हुई

वंदना ने बताया कि ऑनलाइन केस में फंसाने का बोलकर इस कदर धमकाया कि उन्होंने अपनी 1 करोड़ की एफडी भी तोड़ दी। उसे भी बदमाशों ने वैरिफिकेशन के नाम पर दूसरे खातों में आरटीजीएस करवा लिए। टीआई सुरेंद्र वास्कले ने बताया कि महिला से पूछा कि डिजिटल अरेस्ट के मामले मीडिया में इतने आ रहे, फिर कैसे फंस गए, उन्होंने कहा- वे जागरूक नहीं थीं। मामले की जांच साइबर सेल कर रही है।

वंदना ने खुद अपने बैंक खातों की जानकारी दी

ठगों ने वंदना को बताया कि उसके खाते में काले धन की जानकारी मिली है। इसके आधार पर आपके विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का प्रकरण दर्ज हुआ है। सीबीआई द्वारा भी इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। इसके बाद ठगों ने वंदना से उनके बैंक खातों, कारोबार और आईडी कार्ड की जानकारी ली।

लोकल पुलिस से शिकायत तक नहीं की

ठगों ने जेल भेजने की धमकी देकर वंदना से एफडी तुड़वाकर एक करोड़ 60 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इसके लिए ठगों ने तीन दिन वंदना को डिजिटल अरेस्ट रखा। बाद में भी वह वंदना से गोल्ड लोन के नाम पर संपर्क कर रुपए देने का दबाव बनाते रहे। शंका होने पर परिवार से बात कर उन्होंने नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत की। यहां से इंदौर क्राइम ब्रांच को जानकारी लगने पर उन्होंने वंदना को मिलने बुलाया। 

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