रिटायरमेंट के बाद भी आपको एक निश्चित इनकम होती रहे इसके लिए EPFO में इन्वेस्टमेंट किया जाता है। EPFO से प्राप्त होने वाली इनकम को, बोलचाल की भाषा में पेंशन भी कहा जाता है। भारत सरकार EPFO के नियमों में बड़े बदलाव करने जा रही है। यह परिवर्तन EPFO 3.0 के तहत किया जाएगा। हम आपको इसके बारे में वह सब जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं, जो अब तक हमें प्राप्त हुई है। ताकि आप खुद कैलकुलेट कर सकेंगे, EPFO 3.0 से आपको फायदा होगा या नुकसान।
EPFO 3.0 - योगदान राशि में होगी बढ़ोतरी
वर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि अथवा एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड (EPF) में केवल अपनी सैलरी 12% ही निवेश कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्टे्स के अनुसार अगर ईपीएफओ 3.0 लागू होता है तो कर्मचारी अपने योगदान हिस्सेदारी को बढ़ा भी सकता है। इसका मतलब है कि वह 12% से ज्यादा का निवेश भी कर सकते हैं। हालांकि एंपलॉयर की ओर से निवेश की बाध्यता पूर्व के अनुसार ही रहेगी। कई कर्मचारी ईपीएफओ में 12% से ज्यादा का निवेश करना चाहते हैं, क्योंकि इसमें बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है और लॉक इन पीरियड होने के कारण, पैसा खर्च नहीं हो पाता है।
EPFO 3.0 - पार्ट पेमेंट एटीएम से निकाल सकेंगे
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से बताया गया है कि कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड से आंशिक निकासी करने में दिक्कत होती है। ऐसे में इस परेशानी को दूर करने के लिए ईपीएफओ 3.0 लागू होने के बाद कर्मचारी एटीएम के जरिये प्रोविडेंट फंड से पैसे निकाल सकते हैं। यह नियम लागू होने के बाद पीएफ अकाउंट (PF Account) से पैसे निकालने में आसानी हो जाएगी। माना जा रहा है कि यह नियम मई-जून 2025 से लागू हो सकता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सूत्रों ने फिलहाल केवल इतनी ही जानकारी दी है। बताया है कि यह दो बड़े बदलाव कर्मचारियों के लिए लाभदायक होंगे। इसके अलावा जो कुछ भी वायरल हो रहा है उसमें से कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है।
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