द्वापर युग में मध्य प्रदेश के उज्जैन सहित 12 स्थानों से अंतरिक्ष का अध्ययन किया जाता था और यह रिसर्च रिपोर्ट पूरे भारतवर्ष में सर्वत्र मान्य एवं प्रतिष्ठित थी। एक बार फिर मध्य प्रदेश की प्रतिष्ठा वापस आने वाली है। एक बार फिर मध्य प्रदेश की धरती से अंतरिक्ष की निगरानी की जाएगी। अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं का अध्ययन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस मिशन की दिशा में पहला कदम रखने जा रहे हैं। दिनांक 7 एवं 8 अगस्त को बेंगलुरु में स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ डील की जाएगी।
मध्यप्रदेश पहली बार स्पेस टेक कंपनियों को आमंत्रित कर रहा है
मध्य प्रदेश शासन से मिली अधिकृत जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश पहली बार स्पेस टेक कंपनियों को आमंत्रित कर रहा है। स्पेस टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियों को मध्य प्रदेश में आमंत्रित करने के लिए बड़ा अभियान शुरू किया गया है। स्पेस टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम कर रही कंपनियां उपग्रह चित्रण और डाटा एनालिटिक्स की सेवाएं उपलब्ध कराती है। उपग्रह के माध्यम से वैश्विक निगरानी और डाटा की शुद्धता में सुधार होता है। यह कंपनियां अंतरिक्ष में प्रदूषण और कक्षीय वस्तुओं पर निगरानी के लिए नवीनतम तकनीकी विकसित कर रही है। इन कंपनियों का उद्देश्य अंतरिक्ष में सुरक्षा को बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री स्वयं कंपनी के मालिकों से बात करेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बेंगलुरु में आयोजित निवेशको के साथ 7 एवं 8 अगस्त को आयोजित दो दिवसीय इन्वेस्टर रोड-शो में उद्योगपतियों से संवाद करेंगे। वे इस क्षेत्र में काम कर रही प्रमुख कंपनियों को मध्यप्रदेश में निवेश का आमंत्रण देंगे। इनमें मुख्य रूप से पिक्सल, दिगंतरा, गैलेक्स आई, सेटस्योर कलाइड ईओ, स्काई सर्वर जैसी कंपनियों से मध्यप्रदेश में निवेश की संभावना पर चर्चा करेंगे। सेटस्योर कंपनी सैटेलाइट इमेजरी उपलब्ध कराती है जो कृषि क्षेत्र के लिए बहुत उपयोगी है। इसी प्रकार पिक्सल कंपनी पृथ्वी के चित्रों पर आधारित छोटे सैटेलाइट का निर्माण और संचालन करती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव आईटी सेक्टर की कंपनियों से भी संवाद करेंगे और निवेश की संभावना पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्य रूप से कॉग्निजेंट, नेसकॉम, किंड्रील, इंफोसिस, टीसीएस, विसेन टेक्नोलॉजी, सीसा इंफोसेक हैपिएस्ट माइंड्स, डेल्टा कैपिटा, नीमन मारकस एवं मोवाटे जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे।
मध्य प्रदेश में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित किया जाएगा
इसके अलावा बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने वैश्विक ऑपरेशन को बेहतर तरीके से संचालन करने के लिए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थपित करती है। यह सेंटर आर्थिक प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, आईटी सपोर्ट, डाटा एनालिटिक्स और अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता की सेवाएं और संचालन की दक्षता प्रदान करते हैं। वे लागत में कमी लाने में भी मदद करते हैं और स्थानीय बाजार में निवेश के अवसर सृजन करने में सहायक होते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशा है कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स को भोपाल और इंदौर में स्थापित करें। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। इन केंद्रों की स्थापना से राज्य की प्रतिभाओं का उपयोग किया जा सकेगा जिससे कुशल कार्यबल की उपलब्धता भी बढ़ेगी। इन केंद्रों से शहरों में तकनीकी नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य में आईटी के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों और इस क्षेत्र की आवश्यकताओं के संबंध में प्रमुख निवेशकों से चर्चा करेंगे।
बेंगलुरु में गारमेंट कंपनियां भी मुख्यमंत्री से मिलेंगी
मध्यप्रदेश में गारमेंट इंडस्ट्री की संभावनाओं को देखते हुए बेंगलुरु में प्रमुख परिधान और वस्त्र (टेक्टाइल) कंपनियों के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव चर्चा करेंगे। इस क्षेत्र की कई कंपनियां जैसे बेस्ट कॉर्प और गोकलदास मध्यप्रदेश में निवेश कर रही है। गारमेंट इंडस्ट्री में निवेश से मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। गारमेंट इंडस्ट्री में निवेश से मध्यप्रदेश को युनिवर्सल गारमेंट सेक्टर में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरने में मदद मिलेगी।
मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों, आईटी सेक्टर में निवेश, पर्यटन, एमएसएमई में निवेश और गारमेंट सेक्टर में मध्यप्रदेश में बनी संभावनाओ से निवेशकों को परिचित कराया जाएगा।
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