BNSS 30 - एसपी-डीएसपी कब किसी मामले की जांच करवा सकते हैं, जानिए

जब कोई गंभीर अपराध किसी थाने क्षेत्र मे घटित होता है और डीएसपी या एसपी को लगता है कि इस मामले की जाँच गंभीरता से की जाए या पीड़ित व्यक्ति वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पास जाकर न्याय की गुहार लगाता है तब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किस कानून के तहत क्या क्या कार्यवाही करने का अधिकार रखता है, जानिए:-

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 30 की परिभाषा

यह धारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को विशेष शक्तियां प्रदान करती है, जिनका उपयोग वे अपराधों की जांच और नियंत्रण में कर सकते हैं। जैसे कि पुलिस उपाधीक्षक (DSP) या पुलिस अधीक्षक (SP), को धारा 30 के तहत निम्नलिखित शक्तियां प्रदान की जाती हैं:
1. जांच का निर्देशन: वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसी भी अपराध की जांच का निर्देशन कर सकते हैं और जांच अधिकारी को निर्देश दे सकते हैं।
2. जांच अधिकारी की नियुक्ति: वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसी भी अपराध की जांच के लिए जांच अधिकारी की नियुक्ति कर सकते हैं।
3. सबूतों की जांच: वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसी भी अपराध की जांच में एकत्र किए गए सबूतों की जांच कर सकते हैं और उनकी प्रामाणिकता की जांच कर सकते हैं।
4. गिरफ्तारी और रिमांड: वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसी भी अपराधी को गिरफ्तार कर सकते हैं और उन्हें रिमांड पर ले सकते हैं। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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