मध्य प्रदेश मौसम मानसून - तीन जिलों में मूसलाधार और 26 जिलों में भारी बारिश होगी - WEATHER

भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) के वैज्ञानिकों ने मध्य प्रदेश के 29 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। इसमें से तीन जिलों में मूसलाधार बारिश की संभावना है इसलिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और बाकी 26 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 

मध्य प्रदेश मौसम एवं मानसून का पूर्वानुमान, अति भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट

मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार गुना, शिवपुरी, श्योपुरकलां जिलों की कुछ इलाकों में मूसलाधार बारिश होगी। जहां पर मूसलाधार बारिश होगी वहां पर जनजीवन प्रभावित हो जाएगा। बरसाती नदी नाले ओवरफ्लो हो जाएंगे और निचले इलाकों में पानी भर जाएगा। उपरोक्त तीनों जिलों के कलेक्टर-एसपी को निर्देशित किया गया है कि वह आपदा प्रबंधन की टीम को अलर्ट पर रखें। जिन इलाकों में अति भारी वर्षा की स्थिति बनती है, वहां पर सभी प्रकार के खतरनाक स्थान पर ट्रैफिक ब्लॉक कर दें। 

कल का मौसम - MP WEATHER FORECAST

मौसम का पूर्वानुमान एवं किसान मौसम बुलेटिन के अनुसार विदिशा, रायसेन, राजगढ़, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, अशोकनगर, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, रीवा, मऊगंज, सतना, जबलपुर, सिवनी, मंडला, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पांढुर्णा जिलों में भारी वर्षा होगी। कुछ इलाकों में 115 मिली मीटर तक बारिश हो सकती है। ऐसी स्थिति में जनजीवन प्रभावित हो सकता है। इसलिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। सावधान रहें।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित सीहोर, नर्मदापुरम, हरदा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, शाजापुर, आगर, दतिया, सिंगरौली, सीधी, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, पन्ना, मैहर जिलों में आज की बारिश और कई स्थानों पर वज्रपात होने का खतरा है। बादल से बिजली गिरने की स्थिति में काफी नुकसान हो जाते हैं। इसलिए नागरिकों से सावधान रहने के लिए कहा गया है। 

मानसून की लास्ट लोकेशन - सिनोष्टिक मौसमी परिस्थितियां

• वर्तमान में मानसून ट्रफ माध्य समुद्र तल पर बीकानेर, रोहतक, फतेहगढ़, चुर्क, पुरुलिया, कोंटई से होकर गुजर रहा है एवं दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी के तक विस्तृत है।
• पूर्वोत्तर राजस्थान के ऊपर माध्य समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकाव के साथ चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है।
• दक्षिण-पूर्व उत्तर-प्रदेश के ऊपर माध्य समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई पर एक चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है।
• पूर्वोत्तर असम के ऊपर माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर एक चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है।
• अन्तः दक्षिणी कर्नाटक से कोमोरिन क्षेत्र तक माध्य समुद्र तल से 0.9 किमी की ऊंचाई पर ट्रफ अवस्थित है।
• महाराष्ट्र-कर्नाटक तटों के समानांतर माध्य समुद्र तल पर अपतटीय ट्रफ अवस्थित है। 

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