कहते हैं प्यार में कोई शर्त नहीं होती लेकिन इंदौर में एक शादीशुदा पुरुष ने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में लड़की के साथ "इश्क का एग्रीमेंट" किया। कुछ समय बाद लड़की ने बलात्कार का मामला दर्ज करवा दिया परंतु कोर्ट ने पुरुष को निर्दोष घोषित किया क्योंकि एग्रीमेंट में सब कुछ लिखा था और स्पष्ट हुआ की लड़की के साथ ना तो प्यार में धोखा हुआ है और ना ही बलात्कार।
लड़की का बयान, अफेयर से लेकर ब्रेकअप तक की लव स्टोरी
गर्लफ्रेंड की उम्र 29 साल और बॉयफ्रेंड चंद्रभान पंवार की उम्र 34 साल है। चंद्रभान शादीशुदा है, जबकि लड़की अविवाहित है। 27 जुलाई 2021 को इंदौर के भवरकुआं थाने में लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड के खिलाफ बलात्कार करने, उसकी मर्जी के खिलाफ उसका अबॉर्शन करवाने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। पुलिस ने लड़की की शिकायत के आधार पर चंद्रमा के खिलाफ बलात्कार सहित अन्य मामलों में FIR दर्ज कर ली। इन्वेस्टिगेशन के दौरान लड़की ने बयान दिया कि वह चंद्रभान को सन 2019 से जानती है। उसके कजिन भाई ने दोनों को मिलवाया था। पहले दोनों में दोस्ती हुई और फिर प्यार हो गया। 2020 में जब प्यार हुआ तब पता नहीं था कि वह शादीशुदा है। उसने अपनी शादी के बारे में कुछ नहीं बताया था। यहां तक की एहसास भी नहीं होने दिया। 25 अप्रैल 2021 को चंद्रभान ने उसे एक हॉस्टल में बुलाया। यहां पहली बार दोनों के फिजिकल रिलेशन बने। फिर जब भी मौका मिलता दोनों एक दूसरे में समा जाते। इसके कारण वह गर्भवती हो गई।
पुलिस इन्वेस्टिगेशन में बलात्कार और गर्भपात का दोषी माना गया
लड़की ने अपने बयान में बताया कि उसके बॉयफ्रेंड चंद्रभान ने उससे शादी का वादा किया था। जब वह प्रेग्नेंट हुई तो विटामिन की गोली बात कर कुछ और खिला दिया जिससे अबॉर्शन हो गया। इसके कारण दोनों के बीच में झगड़ा हुआ और फिर इसी झगड़े में खुलासा हुआ कि वह शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है। इसलिए वह शादी नहीं कर सकता। लड़की के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अपनी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट तैयार की और लड़के को बलात्कारी मानते हुए न्यायालय में सजा निर्धारित करने के लिए चालान पेश कर दिया।
इश्क के एग्रीमेंट ने मामले का रुख बदल दिया
अपने दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया। इस दौरान बॉयफ्रेंड चंद्रभान की ओर से "इश्क का एग्रीमेंट" पेश किया गया। लड़की ने 27 जुलाई 2021 को FIR दर्ज करवाई थी और यह एग्रीमेंट 15 जून 2021 को लड़का और लड़की दोनों ने साइन किया था। इसमें लिखा था की लड़की जानती है कि लड़का शादीशुदा है। पिछले 2 साल से लिव-इन-रिलेशन में रह रहे हैं। 7 दिन उसके पास रहेगा और 7 दिन अपनी पत्नी के पास चला जाएगा।
कोर्ट ने यह माना कि, लड़की को अबॉर्शन के बाद लड़के के शादीशुदा होने का पता चल गया था उसके बाद भी उसके साथ रिलेशन में बनी रही और एग्रीमेंट भी साइन किया। ऐसी स्थिति में बलात्कार और गर्भपात के मामले में लड़के को दोषी नहीं माना जा सकता। जान से मारने की धमकी के मामले में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए गए। इसलिए बॉयफ्रेंड को दोष मुक्त घोषित कर दिया गया।
7 महीने बाद मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं कर सकते: डॉक्टर
डॉक्टर ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया कि घटना अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 के बीच की है। नवंबर 2020 में इसी दौरान गर्भपात हुआ। बावजूद, पीड़िता न डॉक्टर के पास गई, न अस्पताल..। जनवरी 2021 के बाद उनके बीच रिलेशन नहीं बने, न ही पुराने गर्भपात के दस्तावेज दिखाए गए। जुलाई 2021 में जब रिपोर्ट कराई तब मेडिकल हुआ है। आखिरी बार संबंध बनने के 7 महीने बाद अगर कोई ये दावा करे कि उससे दुष्कर्म हुआ है तो मेडिकल में इसकी पुष्टि मुश्किल है।
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