HOLI BHAI DOOJ KATHA and MAHATAV - होली भाई दूज की कथा और महत्व


HOLI BHAI DOOJ 2024- होली के बाद भाई दूज का त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल होली की भाई दूज 27 मार्च 2023, बुधवार को मनाई जाएगी। इसे भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार भाई-बहनों के बीच स्नेह बन्धन को सुदृढ़ करता है।

होली भाई दूज के दिन बहन से तिलक करवाने पर भाई की जीवन निष्कंटक (बिना बाधा के) होता है। होली के अगले दिन देश के कुछ हिस्सों में भाईदूज मनाने की परंपरा है। होलिका दहन के दूसरे दिन यानी कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। जानते हैं इस साल होली भाई दूज कीकथा और महत्व।


होली दूज का महत्व- HOLI DOOJ MAHATAV

जिस तरह से दिवाली के बाद भाई दूज मनाकर भाई की लंबी उम्र के लिए कामना की जाती है और उसे नर्क की यातनाओं से मुक्ति दिलाने के लिए उसका तिलक किया जाता है। उसी प्रकार होली के बाद भाई का तिलक करके होली की भाई दूज मनाई जाती है। जिससे उसे सभी प्रकार के संकटों से बचाया जा सके। शास्त्रों के अनुसार होली के अगले दिन भाई को तिलक करने से उसे सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।

होली भाई दूज की कथा - HOLI BHAI DOOJ KATHA

पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में एक बुढ़िया रहा करती थी। उसके एक पुत्र और एक पुत्री थी। बुढ़िया ने अपनी पुत्री की शादी कर दी थी। एक बार होली के बाद भाई ने अपनी मां से अपनी बहन के यहां जाकर तिलक कराने का आग्रह किया तो बुढ़िया ने अपने बेटे को जाने की इजाजत दे दी। बुढ़िया का बेटा एक जंगल से गया जहां उसे एक नदी मिली उस नदी ने बोला में तेरा काल हूं और मैं तेरी जान लूंगी। इस पर बुढ़िया का बेटा बोला पहले मैं अपनी बहन से तिलक करा लूं फिर मेरे प्राण हर लेना।

इसके बाद वह आगे बढ़ा जहां उसे एक शेर मिला बुढ़िया के बेटे ने शेर से भी यही कहा। इसके बाद उसे एक सांप मिलता है उसने सांप से भी यही कहा। जिसके बाद वह अपनी बहन के घर पहुंचता है। उस समय उसकी बहन सूत काट रही होती है और जब उसे उसका भाई पुकारता है तो वह आवाज को अनसुना कर देती है। लेकिन जब भाई दुबारा आवाज लगाता है तो उसकी बहन बाहर आ जाती है। इसके बाद उसका भाई तिलक कराकर दुखी मन से चल देता है। इस पर बहन उसके दुख का कारण पूछती और भाई उसे सब बता देता है।

इस पर बहन कहती है कि रूको भाई मैं पानी पीकर आती हूं और वह एक तालाब के पास जाती है जहां उसे एक बुढ़िया मिलती है और वह उस बुढ़िया से अपनी इस समस्या का समाधान पूछती है। इस पर बुढ़िया कहती है यह तेरे ही पिछले जन्मों का कर्म है जो तेरे भाई को भुगतना पड़ रहा है। अगर तू अपने भाई को बचाना चाहती है तो उसकी शादी होने तक वह हर विपदा को टाल दे तो तेरा भाई बच सकता है।

इसके बाद वह अपने भाई के पास जाती है और कहती है कि मैं तुझे घर छोड़ने के लिए चलूंगी और वह शेर के लिए मांस, सांप के लिए दूध और नदी के लिए ओढ़नी लाती है। इसके बाद दोनों आगे बढ़ते हैं रास्ते में उन्हें पहले शेर मिलता है। उसकी बहन शेर के आगे मांस डाल देती है। उसके बाद आगे उन्हें सांप मिलता है। जिसके बाद उस बुढ़िया की लड़की उसे दूध दे देती है और अंत में उन्हें नदी मिलती है। जिस पर वह ओढ़नी डाल देती है। इस तरह से वह बहन अपने भाई को बचा लेती है। 

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इस कथा में निम्न प्रश्नों के उत्तर 

  • होली के बाद भाई दूज क्यों मनाई जाती है?
  • भाई दूज पर क्या करना चाहिए?
  • भाई दूज में क्या नहीं करना चाहिए?
  • होली के अगले दिन क्या है?
  • दूज कौन सी तारीख की है?
  • होली के बाद के दिन को क्या कहते हैं
  • Why is Bhai Dooj celebrated after Holi?
  • What should be done on Bhai Dooj?
  • What should not be done in Bhai Dooj?
  • What is the day after Holi?
  • Which date is Dooj?
  • What is the day after Holi called?

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