कोटा पुलिस समझ गई थी इसलिए इन्वेस्टिगेशन की दिशा बदल दी
इस मामले में एक लड़का पकड़ा गया है। उसने काव्या का काला सच और पूरी कहानी बता दी है। कोटा में इन्वेस्टिगेशन के फर्स्ट राउंड में जब यह क्लियर हो गया की लड़की कोचिंग में पढ़ने के लिए नहीं आती थी और बताए गए हॉस्टल में भी नहीं थी तो पुलिस को समझ में आ गया था कि या तो लड़की ने कहानी बनाई है या फिर लड़की किसी कहानी का हिस्सा है। इसलिए कोटा पुलिस की एक टीम जयपुर भेजी गई।
जयपुर में दो स्थानों पर सीसीटीवी में कैप्चर हुई
कोटा पुलिस ने जयपुर के अभय कमांड सेंटर (पूरे शहर में लगे सीसीटीवी का कंट्रोल रूम) पर 18 मार्च के सभी फुटेज देखे। पुलिस का शख्स सही निकला। युवती को जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर देखा गया। युवती का एक फुटेज अहिंसा सर्किल (जयपुर) पर भी मिला। यहां भी वह दो युवकों के साथ दिखाई दी। दोनों युवकों की फोटो कोटा पुलिस को भेजी गई। ताकि युवती के दोस्तों, परिवार के लोगों से पहचान करवाई जा सके। पुलिस की ट्रिक कम कर गई।
काव्या धाकड़ की कहानी - फ्लैशबैक संक्षिप्त में
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की पहली तहसील के अंतर्गत कस्बा बैराड़ में लॉर्ड लखेश्वर स्कूल के संचालक रघुवीर धाकड़ की छोटी बेटी का नाम काव्या धाकड़ है। काव्या को उसकी मां और भाई कोटा में NEET की कोचिंग के लिए लेकर गए थे। उन्होंने एक कोचिंग में काव्या का एडमिशन करवाया और उसके पास स्थित एक हॉस्टल में काव्या के रहने का इंतजाम किया, फिर वापस आ गए। कुछ दिनों बाद काव्या ने बताया कि उसने कोचिंग सेंटर बदल लिया है, क्योंकि वहां पर पढ़ाई अच्छी नहीं हो रही थी। नए कोचिंग सेंटर का नाम बता दिया। यह भी बताया कि उसने हॉस्टल बदल दिया है और नए कोचिंग के पास में नया हॉस्टल स्थित है। पिता के मोबाइल पर कोचिंग के नाम से नियमित रूप से sms आते थे जिसके कारण पिता यह समझते थे की काव्या कोचिंग में पढ़ाई कर रही है और सब कुछ ठीक चल रहा है। काव्या की मां उससे हर रोज फोन पर बात करती थी। खर्चे के सारे पैसे उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाते थे।
काव्या धाकड़ का अपहरण
सोमवार 18 मार्च 2024 को रघुवीर धाकड़ के व्हाट्सएप पर काव्या के कुछ फोटो आए। काव्या के हाथ पैर बंधे हुए थे। मैसेज भेजने वाले ने बताया कि उसने काव्या का अपहरण कर लिया है। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी। रघुवीर धाकड़ ने पुलिस को सूचना दी। इस मामले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा से फोन पर बात की।
पुलिस इन्वेस्टिगेशन में काव्या की कहानी
इस मामले की इन्वेस्टीगेशन पुलिस अधीक्षक कोटा अमृता दुहान के मार्गदर्शन में विज्ञान नगर थाने के सीआई सतीश कुमार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब हमने कोचिंग सेंटर जाकर पता किया तो जानकारी मिली कि, एडमिशन तो दूर की बात है काव्या वहां पर कोर्स की जानकारी लेने भी नहीं आई थी। क्योंकि हर आने वाले स्टूडेंट का पूरा रिकॉर्ड होता है। कोचिंग का रजिस्टर चेक किया गया। कहीं पर कोई ओवरराइटिंग नहीं थी। फिर पुलिस हॉस्टल पहुंची तो पता चला की काव्या ने हॉस्टल में भी एडमिशन नहीं लिया था। अब पुलिस के सामने बड़ा सवाल यह है कि काव्या किसी कोचिंग में पढ़ रही थी और कहां पर रह रही थी। पुलिस को यह भी पता नहीं है कि काव्या का अपहरण कहां से हुआ है। पुलिस यह जानने की भी कोशिश कर रही है कि काव्या कोटा में ही थी या कहीं किसी दूसरे शहर में थी।
पिता ने कहा इंदौर वाला रिंकू धाकड जिम्मेदार
पिता रघुवीर धाकड़ का कहना है कि NEET तैयारी करने के लिए काव्या पहले इंदौर गई थी। इंदौर में रिंकू धाकड से उसकी मुलाकात हो गई थी। रिंकू धाकड पोहरी अनुविभाग क्षेत्र के जरियाखेड़ा गांव का रहने वाला है। रिंकू उसे परेशान कर रहा था। इसके अलावा अनुराग सोनी और हर्षित नाम का एक लड़का भी उसके मोबाइल पर फोन करते थे और उसे परेशान करते थे। इसी परेशानी के चलते हमने उसे इंदौर से शिवपुरी वापस बुला लिया था। पिता ने बताया कि लड़की का पीछे छोड़ने के बदले में उपरोक्त लड़कों ने 19000 रुपए मांगे थे। पिता का आरोप है कि इस बार भी उन्हीं लड़कों ने काव्या को किडनैप किया है।
समाचार लिखे जाने तक काव्या और उसका एक दोस्त पुलिस की पहुंच से अभी भी दूर बने हुए हैं। वह दोनों पुलिस से छुप रहे हैं। एसपी कोटा ने अपील किया कि वह जहां भी हैं नजदीकी थाने में सरेंडर कर दें।
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