कोई केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का खास है तो किसी को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आशीर्वाद प्राप्त है परंतु महाराज का संरक्षण और शिवराज का आशीर्वाद भी उन्हें सरकारी कार्रवाई से बचा नहीं सकता। न्यायालय सक्षम प्राधिकारी, मध्य प्रदेश लोक परिसर बेदखली अधिनियम भोपाल द्वारा सबको नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इन सभी नेताओं ने राजधानी भोपाल में सरकारी बंगलो पर कब्जा कर रखा है। नोटिस में लिखा है कि यदि सीधे तरीके से बंगला खाली नहीं किया तो सामान बाहर फेंक देंगे।
नेताओं की लिस्ट जिन्हें बेदखली का नोटिस दिया गया
- उषा ठाकुर - पूर्व मंत्री एवं इंदौर में भाजपा की दबंग महिला नेता।
- रामखेलावन पटेल - पूर्व मंत्री एवं सतना में भाजपा के प्रभावशाली नेता।
- पारस जैन - पूर्व मंत्री एवं मुख्यमंत्री के गृह नगर उज्जैन के कद्दावर भाजपा नेता।
- भारत सिंह कुशवाहा - पूर्व मंत्री एवं ग्वालियर के प्रभावशाली नेता।
- कमल पटेल - पूर्व मंत्री एवं हरदा के सबसे बड़े भाजपा नेता।
- महेंद्र सिंह सिसोदिया - पूर्व मंत्री एवं सिंधिया समर्थक।
- राजवर्धन सिंह दत्तीगांव - पूर्व मंत्री सिंधिया समर्थक और बदनावर के दबंग नेता।
- प्रेम सिंह पटेल - पूर्व मंत्री एवं बड़वानी के प्रभावशाली नेता।
- अरविंद भदौरिया - पूर्व मंत्री, शिवराज सिंह के नजदीकी और भिंड के बड़े भाजपा नेता।
- ओपीएस भदौरिया - पूर्व मंत्री एवं सिंधिया समर्थक।
- नर्मदा प्रसाद प्रजापति - पूर्व मंत्री एवं नरसिंहपुर के प्रभावशाली नेता।
- इमरती देवी - पूर्व मंत्री एवं सिंधिया समर्थक।
- कांतिलाल भूरिया - कांग्रेस पार्टी के टॉप लीडर लिस्ट में।
- रामपाल सिंह - शिवराज सिंह के नजदीकी और रायसेन के पॉवरफुल लीडर।
- प्रदीप जायसवाल - पूर्व मंत्री एवं वारासिवनी के नेता।
- दीपक जोशी - पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी के सुपुत्र भाजपा से कांग्रेस में गए।
दरअसल मध्य प्रदेश में नई सरकार का गठन हो चुका है परंतु पुरानी सरकार वाले नेता सरकारी आवासों पर अपना कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं है। उनका मानना है कि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर डॉ मोहन यादव की संविदा नियुक्ति है। लोकसभा चुनाव के बाद उनकी संविदा अवधि समाप्त हो जाएगी। इसके बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बदल जाएंगे।
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