MP NEWS - ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए गुड न्यूज़, कमलनाथ की डिनर पार्टी अनाउंस

वैसे तो यह समाचार राजनीति में रुचि रखने वाले मध्यप्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपयोगी है परंतु केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए यह गुड न्यूज़ है। कमलनाथ ने कांग्रेस पार्टी के विधायकों को डिनर पर इनवाइट किया है। यानी अब कमलनाथ, भाजपा में शामिल नहीं होंगे। यहां लिखना जरूरी है कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ से बचने के लिए कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी। 

कमलनाथ से संबंधित लेटेस्ट न्यूज़ 

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि, कमलनाथ की सोनिया गांधी से मुलाकात हो गई है। कमलनाथ ने 9 फरवरी को सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान राज्यसभा की सीट मांगी। राज्यसभा की 5 सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होगा। नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। विधानसभा में विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा के खाते में 4 सीटें जाना तय है। एक सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी। अभी इस सीट से कांग्रेस के राजमणि पटेल सदस्य हैं। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव दोनों इस सीट के लिए प्रयास कर रहे थे परंतु कमलनाथ दोनों की कुर्सी छीन ले गए।

कमलनाथ के बारे में क्या कयास लगाएं

कमलनाथ राज्यसभा जाना चाहते हैं, इसे इस बात से भी समझा जा रहा है कि उन्होंने 13 फरवरी को विधायकों को डिनर पर बुलाया है। नामांकन की अंतिम तारीख (15 फरवरी) से दो दिन पहले डिनर आयोजित करने का असली मकसद क्या है बताने की जरूरत नहीं। कमलनाथ के बारे में कई लोग पिछले अनुभव के आधार पर बता रहे हैं कि वह आगे क्या कर सकते हैं परंतु इस पूरे कैलकुलेशन में एक चीज गड़बड़ हो रही है। पिछले 40 साल में कमलनाथ ने इतने बुरे दिन कभी नहीं देखे थे। एक डूबता हुआ वृद्ध नेता, अपने अस्तित्व को बचाने के लिए क्या करेगा, कोई भी धुरंधर इसका पूर्वानुमान नहीं लग सकता। 

कमलनाथ ने कांग्रेस पार्टी में ज्योतिरादित्य का जीना मुश्किल कर दिया था

कहानी बहुत पुरानी नहीं है। सन 2019 की बात है जब कमलनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जो मंत्रालय मांगे कमलनाथ ने दिए। सिंधिया स्कूल के लिए जमीन मांगी, कमलनाथ ने तमाम आलोचना होने के बाद भी डॉक्यूमेंट साइन कर दिए, लेकिन इसके बाद सिंधिया का अकाउंट क्लोज कर दिया। सिंधिया भोपाल में शानदार सरकारी बंगला चाहते थे। कमलनाथ ने 1BHK भी नहीं दिया। सिंधिया की नोट शीट ग्वालियर से भोपाल तक रेड रिबन में आई थी लेकिन भोपाल में आते ही डस्टबिन में चली जाती थी। स्थिति यह हो गई थी कि भोपाल में सिंधिया के लिए सरकारी चाय तक उपलब्ध नहीं थी। कमलनाथ ने सिंधिया को कुछ इस प्रकार साइड लाइन कर दिया था जैसे चुनाव में किसी स्टार प्रचारक का हिसाब किताब चुकता करने के बाद, अगले चुनाव तक के लिए उसे रिश्ता भी तोड़ लिया जाता है।

तापमान कितना बढ़ गया था, केवल इस बात से समझा जा सकता है कि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सबसे नजदीकी मित्रता और सोनिया गांधी का परिवार जैसा संरक्षण छोड़कर श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना पड़ा।

⇒ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!