मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एंटी इनकम्बेंसी के बावजूद विधानसभा चुनाव जीतने के लिए लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी। 3 लाख करोड़ का लोन होने के कारण सरकारी खजाने में लाडली बहना योजना के लिए पैसा ही नहीं था। अब स्थिति यह बन गई है कि, दूसरी कई योजनाओं के फंड में कटौती करके अथवा उनका फंड पूरी तरीके से बंद करके लाडली बहना योजना के तहत हर महीने पेमेंट किया जा रहा है।
लाडली बहना के बच्चों को स्कॉलरशिप नहीं दी
एक ताजा रिपोर्ट ने बताया है कि मध्य प्रदेश के 6 लाख ओबीसी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप का भुगतान नहीं किया गया है। यह रकम 482 करोड रुपए है जो पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत दी जानी थी। इसके अलावा इंजीनियरिंग वाली स्कॉलरशिप, मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए दी जाने वाली स्कॉलरशिप सहित कई प्रकार के फंड रोक दिए गए हैं जिनसे स्कूल शिक्षा एवं उच्च शिक्षा के काम किए जाने थे। कुल मिलाकर सरकार लाडली बहना के बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर जो पैसा खर्च करती थी अब वही पैसा, लाडली बहना योजना के तहत बच्चों की मां को दिया जा रहा है। एक बच्चे की स्कॉलरशिप से दर्जनों और कभी-कभी तो सैकड़ो लाडली बहना पेमेंट किया जाता है।
विभागीय बजट का 45% काटकर लाडली बहना को बांट दिया
मध्य प्रदेश शासन पिछला वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, उनके विभाग का टोटल बजट 900 करोड रुपए था। इसमें से अभी तक केवल 500 करोड रुपए खर्च हुआ है। विभागीय बजट में 400 करोड रुपए बाकी है, लेकिन वित्त विभाग फंड ट्रांसफर नहीं कर रहा है। प्रावधान होने के बावजूद पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं। विभागीय बजट में लगभग 45% की कटौती हो गई है।
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