दक्षिण के समुद्र से उठे बादल महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को पार करते हुए मध्य प्रदेश के आसमान में पहुंच चुके हैं। शनिवार रविवार की दरमियानी रात से मध्य प्रदेश में तेज आदि बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई है। समाचार लिखे जाने तक 7 जिलों में बारिश और ओले गिरने की पुष्टि हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने प्राथमिक जानकारी में बताया है कि पूर्वी मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान - 22 जिलों के लिए अलर्ट जारी
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि, बेमौसम उठे यह बादल महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को पार करते हुए झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल तक जाएंगे। फिलहाल किसी भी विशेषज्ञ और वैज्ञानिक ने पूरे मध्य प्रदेश में बारिश अथवा ओलावृष्टि की संभावना जाहिर नहीं की है परंतु यह बादल बिन मौसम के अचानक उठकर आए हैं इसलिए इनके बारे में कोई सटीक पूर्वानुमान जारी नहीं किया जा सकता। मौसम विभाग का कहना है कि मध्य प्रदेश में कई इलाकों में 40 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी चल सकती है। यदि ऐसा हुआ तो बादल अपना रास्ता भी बदल सकते हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत मौसम केंद्र भोपाल ने रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, सागर, छतरपुर, विदिशा, राजगढ़, अशोकनगर, दतिया, मऊगंज, उमरिया, पन्ना और बैतूल जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया है।
मध्य प्रदेश मौसम समाचार
रविवार सुबह जबलपुर और उमरिया में तेज बारिश हुई। जबलपुर में बरगी तहसील के सोहड़ गांव में 2 मिनट तक ओले भी गिरे। सिवनी और मंडला में 4 मिनट तक ओले गिरे। यहां ओलावृष्टि से फसलों में काफी नुकसान हुआ है। नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, मंडला, बालाघाट में भी गरज-चमक के साथ शनिवार रात पानी गिरा। मौसम विभाग का कहना है कि पूरे मध्य प्रदेश में 3-4 डिग्री तापमान कम हो सकता है। यानी ठंड का मौसम एक बार फिर वापस आ गया है।
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