मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने जयपुर राजस्थान की डिग्री मुद्रा कनेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालकों के खिलाफ ताकि का मामला दर्ज कर लिया है। कंपनी के संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों में लोगों से संपर्क किया और एक ऐसी निवेश योजना का संचालन किया जो भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के विरुद्ध है। लोगों को लालच देकर इन्वेस्टमेंट के लिए प्रेरित किया और फिर कंपनी के सभी कांटेक्ट बंद हो गए।
मध्य प्रदेश के कई शहरों में कंपनी का नेटवर्क था
स्पेशल टास्क फोर्स के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि जयपुर राजस्थान से संचालित होने वाली डिग्री मुद्रा कनेक्ट कंपनी के संचालक और उनके कर्मचारी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर लोगों से निवेश पर मोटे मुनाफे का लालच देकर राशि एकत्र कर रहे थे लेकिन जब तय समय के बाद अपेक्षित रकम नहीं मिली तो मध्य प्रदेश के अनेक शहरों से निवेश करने वाले लोगों ने अपने रुपये वापस मांगना शुरू किए। इस पर कंपनी के लोगों ने बहाना बनाना शुरू कर दिया।
केंद्रीय चिटफंड कंपनी विरोधी अधिनियम 2019 के तहत मामला दर्ज
प्रदेश में लोगों से निवेश के नाम पर करीब एक करोड़ 77 लाख की धोखाधड़ी करने के बाद से आरोपितों ने अपने स्थानीय कार्यालय बंद कर लिए थे। लोग उनकी तलाश में भटक रहे थे। आखिरकार ठगी के शिकार लोगों ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मुख्यालय के माध्यम से प्रकरण जांच में आने के बाद कार्रवाई शुरू की गई। मध्य प्रदेश में पहली बार केंद्रीय चिटफंड कंपनी विरोधी अधिनियम 2019 की धाराओं में यह प्रकरण दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी सुभाष दर्शन कर की एक टीम आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए जयपुर रवाना की गई है।
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