BASANT PANCHAMI 2024 - परीक्षा और करियर में सफलता के लिए विशेष उपाय

भारतवर्ष के कैलेंडर यानी पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी कहा जाता है। इस दिन माता सरस्वती की उत्पत्ति हुई थी इसलिए बसंत पंचमी का दिन माता सरस्वती को समर्पित होता है। शास्त्रों में वर्णन है की मात्रा सरस्वती ने इसी प्रकृति में रंग भरे थे। यह भी कहा जाता है कि इसी दिन चंद्रमा पृथ्वी से अलग हुआ और पृथ्वी पर जीवन का शुभारंभ हुआ। इसके अलावा भगवान श्री राम इसी दिन माता शबरी के आश्रम में पहुंचे थे। यानी "मेरे घर राम आए हैं" वाला दिन यही है। 

VASANT PANCHMI KE UPAY - बसंत पंचमी के विशेष उपाय

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, कई बार घर में वास्तु-दोष होने के कारण विद्यार्थी को शिक्षा में उचित परिणाम नहीं मिलते हैं। ऐसे में उन्हें वसंत पंचमी के दिन से ही पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर के दिशा में पढ़ाई करना चाहिए। इस दिशा को ध्यान एवं शांति का केंद्र भी माना जाता है। इस दिशा में पढ़ाई करने से विद्यार्थी का मन एवं मस्तिष्क एकाग्रचित रहता है।

जिन छात्रों को पढ़ाई में कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है या वह एकाग्रता से नहीं पढ़ पा रहे हैं, उन्हें बसंत पंचमी के दिन ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः’ मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र का जाप स्वच्छ आसन पर बैठकर और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही किया जाए।

इस दिन विद्यार्थी माता सरस्वती को केसर या पीले चंदन का टीका लगाएं और पीले रंग के वस्त्र जरूर अर्पित करें। साथ ही पूजा स्थल पर किताब और कलम अवश्य रखें। ऐसा करने से मां सरस्वती की कृपा सदैव बनी रहती है और विद्यार्थी को ज्ञान, बुद्धि एवं विवेक का आशीर्वाद मिलता है। 

‘वसंत पंचमी’ के दिन कम आयु के बच्चे का हाथ पकड़कर काले रंग की स्लेट पर कुछ न कुछ जरूर लिखवाना चाहिए। दरअसल, इस क्रिया को ‘अक्षराम्भ’ कहते हैं। ऐसा करने से पढ़ाई के क्षेत्र में बच्चा शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा करेगा।

माता शारदा के पूजन के लिये भी वसंत पंचमी का दिन विशेष शुभ रहता है। इस दिन 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को पीले-मीठे चावलों का भोजन कराया जाता है तथा उनकी पूजा की जाती है। 

मां शारदा और कन्याओं का पूजन करने के बाद पीले रंग के वस्त्र और आभूषण कुमारी कन्याओं व ब्राह्मण को दान करने से परिवार में ज्ञान, कला व सुख-शान्ति की वृ्द्धि होती है।

इसके अतिरिक्त इस दिन पीले फूलों से शिवलिंग की पूजा करना भी विशेष शुभ माना जाता है। 
दांपत्य जीवन में प्रेम के लिए भगवान रति और कामदेव की पूजा करने का विधान भी है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!