शिवराज सिंह का उत्तरकांड, पढ़िए एक और खुला खत और उसके तात्पर्य - MP POLITICS

मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ी ही विनम्रता और शालीनता के साथ शिवराज सिंह चौहान के आत्म सम्मान का संघर्ष स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। मध्य प्रदेश के इतिहास में उल्लेखनीय घटनाओं से भरे वर्ष 2023 के समापन के अवसर पर एक बार फिर उन्होंने दोहराया कि जनता मेरे (सरकार) काम से प्रसन्न थी।

शिवराज सरकार का उत्तरकांड, राजनीति का महत्वपूर्ण अध्याय

पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक विजय का श्रेय वह सब को देने के लिए तैयार है परंतु यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि जनता, सरकार से नाराज थी। यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि जनता ने उनके नाम और काम को वोट नहीं दिया। यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि इस जीत में लाडली बहना योजना का कोई योगदान नहीं था। यही सब कुछ किसी और राज्य में होता तो, शक्ति प्रदर्शन और जोड़-तोड़ की गतिविधियां चल रही होती परंतु अपने जीवन का सबसे ऐतिहासिक चुनाव जीतने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान निरंतर मर्यादा में है। शिवराज सरकार का यह उत्तरकांड, भारत की राजनीति का महत्वपूर्ण अध्याय है। विद्यार्थियों को पढ़ाया जाना चाहिए कि किस प्रकार राजनीति के संयम का पालन करना चाहिए। किस प्रकार संगठन में अपने आत्म सम्मान को बचाए रखना चाहिए, फिर चाहे उसके लिए कोई त्याग ही क्यों न करना पड़ जाए। 

पढ़िए शिवराज सिंह ने क्या लिखा है

वर्ष 2023 विदा ले रहा है और 2024 का आगमन हो रहा है। नये वर्ष का स्वागत, लेकिन जब मैं पुराने की तरफ नजर डालता हूँ, तो मन आत्मसंतोष और आनंद से भर जाता है। भारतीय जनता पार्टी ने फिर विशाल बहुमत से अब तक का सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत लेकर मध्यप्रदेश में सरकार बनाई है। इसका यह सीधा अर्थ है कि जनता सरकार के काम से प्रसन्न थी।  

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता, संगठन के कार्यकर्ताओं का काम और समविचारी संगठनों के प्रयास; सबने जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं इस प्रसन्नता के साथ, कि लगातार 17 साल तक मुख्यमंत्री रहने के बाद भी जनता के मन में स्नेह और विश्वास है; आनंद के साथ विदा हुआ हूँ और मुझे पूरा विश्वास है कि डॉ मोहन यादव जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार विकास के सभी कामों को प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आगे और आगे ले जायेगी। 

शिवराज सिंह के पत्र का तात्पर्य 

श्री शिवराज सिंह चौहान के खुला खत में "संगठन" से तात्पर्य श्री अमित शाह और श्री जेपी नड्डा की रणनीति और उनके विशेष निर्देशों पर काम कर रही टीम से है। "समविचारी संगठनों" से तात्पर्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं उसके सभी अनुषांगिक संगठनों से है। वह कहते हैं कि विजय में सब का योगदान है। सब ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है परंतु वह पूरी विनम्रता लेकिन दृढ़ता के साथ रहते हैं कि, 17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी जनता के मन में स्नेह और विश्वास है। इस प्रकार स्पष्ट करते हैं कि मध्य प्रदेश में एंटी इनकंबेंसी नहीं थी। पार्टी ने जो भी निर्णय लिया वह शिरोधार्य परंतु जनता शिवराज सिंह से नाराज थी, यह तर्क सिरे से अस्वीकार। ✒ उपदेश अवस्थी 

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