यह खबर कई स्तर पर लाभदायक है। इंजीनियरिंग और ह्यूमैनिटीज के स्टूडेंट्स को मोटिवेट करती है। उनके पेरेंट्स को एक उम्मीद देती है और सबसे बड़ी बात कि, डिप्रेशन में जा रहे इंजीनियरिंग कॉलेज के संचालकों को फिर से खड़े होने का सहारा देती है।
UPSC परीक्षा में इंजीनियरिंग वाले सबसे ज्यादा सफल होते हैं
भारत सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि सिविल सेवा परीक्षाओं में इंजीनियरिंग स्ट्रीम के कैंडिडेट्स सबसे ज्यादा सफल होते हैं। सफलता का यह प्रतिशत बेहद उत्साहित करने वाला है। सरकार ने राज्यसभा में बताया कि पिछले 5 सालों में (2017 से 2021 तक) यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन ऑफ इंडिया द्वारा सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशंस में टोटल 4371 कैंडीडेट्स का सिलेक्शन हुआ, इनमें से 2783 अर्थात 63% इंजीनियरिंग के स्टूडेंट है।
इंजीनियरिंग वाले स्टूडेंट के लिए यूपीएससी प्रीलिम्स क्लियर करना सबसे आसान
भारतीय जनता पार्टी के सांसद श्री सुशील कुमार मोदी द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में भारत सरकार के केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत पेंशन मंत्री श्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में यह जानकारी प्रस्तुत की। प्रोफेसर केशव पटेल बताते हैं कि, इंजीनियरिंग की पढ़ाई के कारण स्टूडेंट की एनालिटिकल स्किल काफी अच्छी हो जाती है और यही बात उन्हें संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में सफलता दिलाती है।
UPSC सक्सेस रेश्यो में दूसरे नंबर पर ह्यूमैनिटीज वाले
मंत्री श्री सिंह ने बताया कि दूसरे नंबर पर ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम आती है। 63% इंजीनियरिंग के बाद ह्यूमैनिटीज कैंडीडेट्स का शेयर 23% है, और यह बढ़ता चला जा रहा है। सन 2023 की परीक्षा में Humanities students ने 32.2% सफलता हासिल की और अपनी स्ट्रीम को टॉप पर पहुंचा दिया है। इस साल यूपीएससी की परीक्षा देने वाले टोटल उम्मीदवारों में 45% उम्मीदवार ह्यूमैनिटी स्ट्रीम से थे। Humanities students UPSC में सफल होने के लिए कई कारण हैं। एक कारण यह है कि Humanities stream के छात्रों को अच्छी भाषा और लिखने की क्षमता होती है, जो UPSC में महत्वपूर्ण है। दूसरा कारण यह है कि Humanities stream के छात्रों को सामाजिक और राजनीतिक विषयों में अच्छा ज्ञान होता है, जो UPSC में भी महत्वपूर्ण है।
UPSC परीक्षाओं में मेडिकल वाले पास नहीं हो पाते, आर्ट्स वाले निकाल लेते हैं
मेडिकल की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा ही काफी कठिन मानी जाती है परंतु सिविल सेवा की परीक्षाओं में मेडिकल के स्टूडेंट्स अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते, बल्कि सबसे खराब स्थिति पर रहते हैं। पीएचडी और दूसरी हायर क्वालिफिकेशन वाले कैंडीडेट्स भी का प्रदर्शन संतोष जनक है जबकि बैचलर आफ आर्ट्स डिग्री वाले ग्रैजुएट्स की संख्या तीसरे नंबर पर है। आर्ट्स स्ट्रीम वाले 3337 उम्मीदवार सफल हुए हैं।
UPSC प्रीलिम्स परीक्षा में किस ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन करें
2021, 2020 और 2019 में सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए वैकल्पिक विषयों की सूची में राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध शीर्ष पर रहे। यानी जिन्होंने राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध ऑप्शनल विषय चुना था, वे सबसे ज्यादा पास हुए। 2018 में समाजशास्त्र ऑप्शनल विषय चुनने वाले सबसे ज्यादा पास हुए जबकि 2017 में भूगोल ऑप्शनल विषय चुनने वाले सर्वाधिक पास हुए।
डिस्क्लेमर- यह सभी आंकड़े अध्ययन के लिए प्रस्तुत किए गए हैं ताकि उम्मीदवार अपनी रणनीति बना सके। इन आंकड़ों के आधार पर कोई नॉरेटिव सेट नहीं किया जाना चाहिए और किसी भी उम्मीदवार को इसलिए निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि उसकी स्ट्रीम इंजीनियरिंग या ह्यूमैनिटीज नहीं है इसलिए उसे प्रतियोगिता में शामिल नहीं होना चाहिए। कई बार सफलता के आंकड़े, प्रतियोगिता में शामिल उम्मीदवारों की संख्या पर भी निर्भर करते हैं। जैसे 2023 में ह्यूमैनिटीज वाले स्ट्रीम टॉप पर रहे, क्योंकि परीक्षा कक्षा में उनकी संख्या 45% से अधिक थी।
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