मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में, प्रेस कंपलेक्स एमपी नगर में कांग्रेस पार्टी के अखबार नेशनल हेराल्ड के लिए आवंटित सरकारी जमीन की अवैध बिक्री कर दी गई। प्रवर्तन निदेशालय, नेशनल हेराल्ड मामले की जांच कर रहा है परंतु उसकी जांच में भोपाल की जमीन का कहीं कोई जिक्र नहीं है। इसे लेकर अलग से शिकायत की गई है।
ED की जांच में भोपाल की संपत्ति का उल्लेख नहीं
नवजीवन कर्मचारी संघ के मोहम्मद सईद, संजय चतुर्वेदी तथा मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष इरशाद राइन आदि ने नेशनल हेराल्ड के जमीन घोटाले के दस्तावेज जांच के लिए ईडी को सौंपे हैं। उनका कहना है कि, नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के विरुद्ध PMLA, 2002 के अंतर्गत मनी लांड्रिंग मामले में जांच कर रही है। हाल ही में ईडी ने लगभग 752 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी तौर पर कुर्क किया है। शिकायत में कहा गया है कि ईडी की जांच एवं कार्रवाई में भोपाल की संपत्ति का उल्लेख नहीं है, जबकि नियमों के उल्लंघन और अवैध कमाई का यह बड़ा मामला है।
पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रेस काम्प्लेक्स में नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशन के लिए रियायती दरों पर आवंटित किए गए 1.14 एकड़ के भूखंड पर व्यावसायिक काम्प्लेक्स बनाकर कई हिस्सों में बेच दिया गया है। शिकायत में दावा किया गया है कि पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग करते हुए जमीन को बेच दिया गया है। इससे प्राप्त धनराशि कंपनी को नहीं दी गई। शिकायत में लिखा गया है कि जिस समय भोपाल में AJL के भवन की बिक्री की जा रही थी, उसी समय AJL ने अपनी देनदारियों को चुकाने के लिए कांग्रेस से 90 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। अगर भूखंड बेचने से प्राप्त आय कंपनी के खाते में आती तो बिना कर्ज लिए एजेएल अपनी देनदारियां चुका सकती थी। इन सभी बिंदुओं की जांच की मांग शिकायत में की गई है।
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