मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के वन मंत्री श्री विजय शाह की बागेश्वर वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पोल खोलकर रख दी। दिव्या दरबार के दौरान उन्होंने सबको बता दिया कि, कथा के पंडाल सरकारी खर्चे पर लगाया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं, इशारों इशारों में बागेश्वर वालों ने कुछ और भी बता दिया। दरबार में वन मंत्री को खड़ा करके बोले, तुम्हें तो नहीं बनवाना है पर्चा, तुम्हारी धर्मपत्नी का बनवा दो।
वन विभाग के पंडाल में पहले मुख्यमंत्री का कार्यक्रम फिर बागेश्वर वालों की कथा
22 सितंबर को खंडवा में निमाड़ के तेंदुपत्ता संग्राहकों को चप्पल, साड़ी, पानी की बोतल और छाता वितरित किए गए थे। साथ ही तेंदुपत्ता संग्राहकों को उनकी उपज बिक्री का बोनस वितरण किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। सरकारी कार्यक्रम था और इसका खर्चा वन विभाग द्वारा उठाया गया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दो दिन बाद इसी पंडाल में बागेश्वर वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का आयोजन हुआ है। इस कार्यक्रम के आयोजन वन विभाग के मंत्री एवं हरसूत के विधायक श्री विजय शाह हैं।
खंडवा में बागेश्वर वालों ने किसी घोटाले का खुलासा किया
रविवार सुबह 10 बजे से बागेश्वर धाम वाले महाराज धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार शुरू हुआ। तकरीबन 1 घंटे 52 मिनट बाद उनके पास अर्जी लगाने के लिए खंडवा के गौतम नगर निवासी समाजसेवी प्रमिला शर्मा पहुंची। उनसे कुछ संवाद हो पाता इससे पहले शास्त्री ने कहा कि आप खंडवा से है, हमारा भी भाग्य है कि हमें खंडवा में कथा करने का अवसर मिला। हनुमान जी ने सुन लिया और हमें खंडवा आने का मौका मिल गया।
धीरेंद्र शास्त्री आगे कहते है कि, धन्यवाद है आयोजन करवाने वाले,वनमंत्री विजयशाह का। वे कहां है, आज दरबार में हंसी नहीं दिख रही। इधर, इतने में मंत्री उठे और अपना चेहरा बताया। शास्त्री ने मंत्री से पूछा- तुम्हें तो नहीं बनवाना है पर्चा। तुम्हारी धर्मपत्नी का बनवा दो। एक वाकया सुनाते हुए शास्त्री ने बात बढ़ाई और कहा- मंत्री दिल के बहुत साफ आदमी है। इसमें कोई संदेह नहीं है। हम गाड़ी में बैठकर आए तो वे हंसाते रहते थे। उनकी बातों में कोई लाग लपेट नहीं।
गाड़ी में बैठे-बैठे कहने लगे गुरूजी पांडाल बड़ा था, बहुत महंगा था। साे हमने नेताजी को बुलाकर खर्चा बचा लिया। अब बताइए इतने भोले तरीके से बात बोल देते है। कथा करवाने के लिए उनका क्षेत्र के प्रति भाव था। यहीं वजह है कि खंडवा वालों को बालाजी के दर्शन का लाभ मिल गया। हम राजनीतिक रूप से किसी का सपोर्ट नहीं करते। सिर्फ जो सच्चा भक्त होता है, उसे आशीर्वाद देते है। आयोजन की व्यवस्था के लिए एक बार वनमंत्री के सुपुत्र बाबा (दिव्यादित्य) के लिए ताली बजा दीजिए।
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