मध्य प्रदेश के सरकारी पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों द्वारा वर्तमान में प्रचलित भर्ती नियम-2004 को समाप्त कर शासन में संविलियन की एक सूत्रीय माँग लम्बे समय से की जा रही है। इस हेतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा भी स्पष्ट निर्देश जारी किए जा चुके है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के उपरांत भी कार्य नहीं होने से दुखी होकर, मध्य प्रदेश तकनीकी शिक्षक संघ के आव्हान पर, प्रदेश की शासकीय तकनीकी संस्थाओं के शिक्षक गण दिनांक 15/08/23 को अभियंता दिवस पर हड़ताल पर रहे।
तकनीकी शिक्षक संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के सरकारी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में म. प्र. लोक सेवा आयोग तथा गेट जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं के माध्यम से व्याख्याताओं और सहायक प्राध्यापकों की भर्ती की गयी थी, परंतु इन सभी शिक्षकों को भर्ती नियम 2004 के अंतर्गत सोसायटी के तहत नियुक्ति के कारण नियमों की एकरूप व्याख्या ना होने से प्रमोशन, पदोन्नति, नवीन भर्ती तथा अन्य कई मूलभूत सुविधाओं से भी विभाग के व्याख्याता और प्रोफेसर वंचित है। कई महाविध्यालयों में विभागाध्यक्ष के स्थान पर व्याख्याताओं को प्राचार्य का प्रभार देना पड़ रहा है। महाविद्यालयों पर विभाग का नियंत्रण लगभग खत्म हो चूका है।
एक तरफ प्रदेश के मुखिया शिवराज सिह चौहान की घोषनाओ को लगातर अमल में लाया जा रहा है वही दूसरी तरफ 06 माह पूर्व जारी निर्देशों पर भी वित्त विभाग में कार्यवाही लंबित है। अब प्रदेशभर के व्याख्याताओं और सहायक प्राध्यापकों ने इन नियमो के विरोध में मोर्चा खोल लिया है। मध्यप्रदेश तकनीकी शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि यदि अगले सप्ताह तक संविलियन की कार्यवाही नहीं होती है तो समस्त तकनीकी शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेंगे।
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