फ्रेंडशिप डे के मौके पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डॉ रॉबिन डेनवर की एक रिसर्च रिपोर्ट की चर्चा हो रही है। इसमें उन्होंने बताया है कि सबसे पक्की दोस्ती औसतन 29 साल तक चलती है। उन्होंने पक्की दोस्ती का फार्मूला भी बताया। डॉक्टर रॉबिन का कहना है कि जब तक 2 लोगों के बीच में कम से कम 3-3 घंटे की 11 मुलाकात नहीं हो जाती तब तक दो व्यक्तियों के बीच में पक्की दोस्ती नहीं हो सकती।
दोस्ती के बारे में डॉक्टर रोबिन के फार्मूले
दुनिया भर में दोस्ती की अनूठी कहानियां मौजूद है परंतु ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डॉ रोबिन का कहना है कि सच्चा दोस्त बनाने में कम से कम 5.6 महीने का समय लगता है। उनका यह भी कहना है कि यदि आप अपने दोस्तों को समय नहीं देते तो आपकी दोस्ती के खत्म हो जाने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर रोबिन का यह भी कहना है कि आमने-सामने बैठकर मिलने से ही दोस्ती का रिश्ता गहरा होता है।
भारत में पक्की दोस्ती की न्यूनतम आयु 30 साल
हालांकि भारत और एशिया महाद्वीप में डॉक्टर रोबिन की थ्योरी काम नहीं करती। यहां श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती के किस्से सुनाए जाते हैं। एक दूसरे की जान लेने के लिए खड़े भारत और पाकिस्तान के दो सैनिकों की दोस्ती के किस्से भी यही कि हवाओं में है। भारत में पक्की दोस्ती कॉलेज टाइम में होती है और उसके 30 साल बाद बुढ़ापे में वह पक्की दोस्ती काम आती हुई दिखाई देती है। यह अक्सर होता है। यानी भारत में पक्की दोस्ती की न्यूनतम आयु 30 साल है, यहां अधिकतम आयु मृत्यु दिनांक तक और कभी-कभी तो मृत्यु के बाद भी दोस्ती निभाई जाती है।
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