MPSCPP Act 22- कल्पित व्यक्ति को सब्सिडी वाला लोन मंजूर करना कितना गंभीर अपराध होता है, जानिए

Legal general knowledge and law study notes

बहुत सारी शासकीय या अर्ध-शासकीय बैंक, संस्था एवं सोसाइटी सरकारी अनुदान अर्थात सब्सिडी पर मकान बनाने के लिए होम लोन, व्यापार करने के लिए बिजनेस लोन देती है। ऐसे में अगर कोई  लोन देने वाला अधिकारी किसी कल्पित व्यक्ति अर्थात जो हैं ही नहीं या बिना देखे कल्पना के आधार पर सब्सिडी लोन सलेक्शन कर देता है तब उसके खिलाफ क्या कार्यवाही हो सकती है जानिए।

मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम, 1982 की धारा 22 की परिभाषा

जो कोई उधार या सब्सिडी मंजूर देने वाला प्राधिकारी होते और यह जानते हुए कि सब्सिडी लोन लेने वाला व्यक्ति:-
1. किसी कल्पित नाम से है।
2. कल्पित व्यक्ति अस्तित्वहीन हो अर्थात वो है ही नही।
3. किसी अन्य व्यक्ति के नाम से।
उसे सब्सिडी का फायदा उपलब्ध करवाएगा तब ऐसे व्यक्ति पर उपर्युक्त अधिनियम की धारा 22 के अंतर्गत कार्यवाही होगी।

Madhya Pradesh Specified Corrupt Practices Prevention Act, 1982 Section 22 Punishment

यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है, पुलिस अधिकारी तुरंत एफआईआर द्वारा मामले का संज्ञान लेगा, इनका विचारण किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट या सेशन कोर्ट द्वारा किया जा सकता है। इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माने या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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