Madhya Pradesh Public Service Commission Indore
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर द्वारा आयोजित राज्यसेवा विशेष परीक्षा 2019 की पूरी प्रक्रिया को स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एप्लीकेशन फाइल हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पीएससी को 25 जुलाई तक का समय दिया है। यदि एमपी लोक सेवा आयोग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उचित पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया तो सारी प्रक्रिया स्थगित हो सकती है।
ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा विशेष परीक्षा 2019 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा sc-st एवं ओबीसी के लगभग 2700 से ज्यादा अभ्यर्थियों को शामिल करने के आदेश दिए गए थे। सिंगल बेंच द्वारा दिए गए इस आदेश को अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा डिवीजन बेंच में चैलेंज किया गया था। मुख्य न्यायमूर्ति एवं जस्टिस श्री विशाल मिश्रा की खंडपीठ द्वारा सिंगल बेंच के आदेश को उचित मानकर अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर की अपील खारिज कर दी गई थी। उपरोक्त दोनों आदेशों के विरुद्ध ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन, विधिक सहायता से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका क्रमांक SLP (C) 5817/2023 दाखिल की गई। इसकी प्रथम सुनवाई दिनांक 10 अप्रैल को हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को उपरोक्त याचिका के निर्णय के अध्याधीन घोषित कर दिया था। इसके साथ ही नोटिस जारी करके 4 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग, सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल नहीं कर रहा
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि मध्य प्रदेश पीएससी की ओर से आज दिनांक तक सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि एमपीपीएससी को पता है कि संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया इस याचिका के निर्णय के अध्याधीन हो गई है। इसके बाद भी प्रक्रिया निरंतर जारी है। अधिवक्ता श्री ठाकुर ने कहा कि एमपी लोक सेवा आयोग द्वारा हाई कोर्ट में पेंडिंग मामले में भी इसी प्रकार का रवैया अपनाया गया था। इसका प्रभाव अभ्यर्थियों के भविष्य पर पड़ रहा है। पेंडिंग मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है।
एमपीपीएससी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम अवसर दिया
दिनांक 14 जुलाई 2023 को राज्यसेवा विशेष परीक्षा 2019 के संदर्भ में तीसरी बार सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पूरी प्रक्रिया को स्थगित करने का निवेदन किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम अवसर देते हुए स्पष्ट किया कि यदि याचिका अलग होती है और थर्ड पार्टी इंटरेस्ट क्रिएट किया जाता है तो इसका खामियाजा लोक सेवा आयोग मध्य प्रदेश को भुगतना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अगली तारीख 25 जुलाई निर्धारित की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता श्री गौरव अग्रवाल, श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर, श्री विनायक शाह एवं सुश्री समृद्धि जैन ने पैरवी की।
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