जबलपुर। ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि, रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज श्री राजेंद्र कुमार श्रीवास ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा प्रदेश के समस्त जिला न्यायालयों को दिनांक 21 दिसंबर 2022, 5 जनवरी 2023 तथा 10 जनवरी 2023 को जारी निर्देशों के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी परंतु हाई कोर्ट द्वारा याचिका को चेक तक नहीं किया गया। इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत की गई है। उल्लेखनीय है कि, विवाद ग्रस्त निर्देशों में जिला न्यायालयों को 25 प्रकरण अनिवार्य रूप से निराकृत करने को कहा गया है।
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, उपरोक्त निर्देश के विरोध में प्रदेश के समस्त अधिवक्ता लंबे समय तक अपने कार्य से विरत रहे थे। उसी समय ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि श्री राजेंद्र कुमार श्रीवास द्वारा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी उक्त तीनों आदेशों की संवैधानिकता को 28 मार्च 2023 को याचिका दायर करके चुनौती दी गई थी। उक्त याचिका की सुनवाई हेतु हाईकोर्ट में 6 बार मेंशन मेमो दाखिल किए गए। 2 बार अर्जेंट सुनवाई के लिए एप्लीकेशन फाइल की गई तथा 2 बार चीफ जस्टिस महोदय के समक्ष निवेदन किया गया लेकिन उक्त प्रकरण को आज दिनांक तक हाईकोर्ट ने लिस्टिंग हेतु चेक कर नहीं किया है।
इसलिए ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत कर दी गई है। एसोसिएशन को उम्मीद है कि अगले सप्ताह है उनकी जनहित याचिका पर सुनवाई होगी।
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