मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने GR MEDICAL COLLEGE GWALIOR के डीन पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए लगाया गया। एक मामले में 40 मिनट तक बहस हो जाने के बाद उनके अधिवक्ता द्वारा तारीख बढ़ाने की मांग की गई थी।
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एमपी सिंह का प्रमोशन दावा
डा. हेमलता ने याचिका दायर कर बताया कि मेडिकल कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पांच पद भरे जाने हैं। इनमें से तीन सीधी भर्ती व दो पद प्रमोशन के जरिए भरे जाने हैं। याचिका के लंबित रहते कालेज में कार्यरत डा. एमपी सिंह ने हस्तक्षेप आवेदन पेश कर प्रमोशन का दावा किया। मामले पर सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता डीपी सिंह व हर्ष गुप्ता ने 40 मिनट तक अपना पक्ष रखा। इसके बाद डीन की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने जवाब पेश करने मोहलत मांगी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि डीन की अधिवक्ता पहले से तैयार नहीं थीं। ऐसा था तो वह पहले ही केस बढ़वा लेतीं, अदालत का कीमती समय बर्बाद करने के बाद मोहलत मांगना अनुचित है। हाई कोर्ट ने डीन पर जुर्माना लगा दिया।
न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने डीन को निर्देश दिए कि वे 25-25 हजार रुपए याचिकाकर्ता डा. हेमलता गुप्ता और हस्तक्षेपकर्ता डा. एमपी सिंह को भुगतान करें। कोर्ट ने कहा कि यदि जुर्माना राशि अदा नहीं की गई तो अगली सुनवाई पर डीन को स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना होगा। मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
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