मुख्यमंत्री जी, आउटसोर्स कर्मचारियों की स्थिति, बंधुआ मजदूरों जैसी है, कुछ तो कृपा करो- Khula Khat

माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि मध्य प्रदेश के समस्त जिलों के कई विभागों में विभिन्न पदों पर लाखों आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत है, जिन्हे ना तो न्यूनतम वेतन प्राप्त है, और ना ही समय पर पीएफ प्राप्त होता है। कभी भी नौकरी से निकालने का संकट हम पर बना रहता है। महोदय आउटसोर्स कंपनियों की मनमानी से ना तो समय पर वेतन प्राप्त होता है और ना ही पीएफ जमा हो पाता है। 

हम निम्नवर्गीय कर्मचारियों का प्राईवेट कम्पनी द्वारा शोषण किया जाता है। हर कोई बाहर निकालने की धमकी देते रहता है। हम आउटसोर्स कर्मचारी बहुत बुरी अवस्था में जीवन यापन करने को मजबूर है। महोदय इस महंगाई में 8000 से 10000 प्रतिमाह में परिवार का भरण-पोषण करना बहुत ही मुश्किल है।

अतः आप से निवेदन है कि हम आउटसोर्स कर्मचारियों को भी रोजगार सहायक, संविदाकर्मियों की तरह उद्दार करने की कृपा करें। जैसे:- 
नौकरियों में आउटसोर्स प्रथा बंद कर विभागों में संविलियन किया जाए। 
न्यूनतम वेतन 21000 की जाए।
सामाजिक सुरक्षा।
प्रार्थी- समस्त आउटसोर्स कर्मचारी जिला धार 

अस्वीकरण: खुला-खत एक ओपन प्लेटफार्म है। यहां मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं। सुझाव देते हैं एवं समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी होते हैं। इससे पूर्व प्रकाशित हुए खुले खत पढ़ने के लिए कृपया Khula Khat पर क्लिक करें. यदि आपके पास भी है कुछ ऐसा जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजिए हमारा ई-पता है:- editorbhopalsamachar@gmail.com

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