ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने सोमवार को वेदांता लिमिटेड से तलाक का ऐलान कर दिया। दोनों कंपनियों ने मिलकर भारत में सेमीकंडक्टर चिप बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया था। प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले रिश्ता टूट जाना है, चौंकाने वाली घटना है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि सेमीकंडक्टर चिप और इस प्रोजेक्ट के इन्वेस्टर्स का क्या होगा। क्या निवेशक लावारिस हो जाएंगे, या फिर उन्हें नए पेरेंट्स मिल जाएंगे।
देवदास नहीं बनेंगे- तू नहीं कोई और सही
फॉक्सकॉन ने न्यूज़ एजेंसी राइटर के पत्रकार से कहा कि, वह चाहते हैं कि प्रोजेक्ट में से फॉक्सकॉन का नाम हटा दिया जाए। क्योंकि यदि प्रोजेक्ट का ओरिजिनल नाम बना रहा तो इससे स्टेकहोल्डर्स को कंफ्यूजन होगा। इस घोषणा के दिन वेदांता लिमिटेड के शेयर 228.25 रुपए पर बंद हुए। वेदांता लिमिटेड ने इस रिश्ते के टूट जाने पर कहा कि यह प्रसंग अपेक्षित नहीं था परंतु चिंता की कोई बात नहीं है। वेदांता ने कहा कि वह अपने स्टेकहोल्डर्स के विश्वास को बनाए रखने के लिए लोकल पार्टनर के साथ काम करेगी।
यह रिश्ता दोनों के लिए फायदेमंद रहा
फॉक्सकॉन और वेदांता ने पिछले साल गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट बनाने के लिए 19.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने के लिए एक डील पर सिग्नेचर किया था। कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि एक साल से अधिक समय तक फॉक्सकॉन और वेदांता ने सेमीकंडक्टर के लिए कड़ी मेहनत की है। यह एक फलदायी अनुभव रहा है जो दोनों कंपनियों को आगे बढ़ने में मजबूती दे सकता है।
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