Legal general knowledge and study notes
जमानतीय या अजमानतीय अपराध में आरोपी को जमानत लेना एक कानूनी अधिकार होता है वह विचारण के समय न्यायालय में जमानत का आवेदन कर सकते हैं। इसका प्रावधान हमने जमानत अधिनियम, 2017 की धारा 11 एवं 12 में बताया है, अब सवाल यह हैं कि क्या किसी व्यक्ति को विचारण समाप्त होने के बाद भी जमानत मिल सकती है जानिए महत्वपूर्ण जानकारी।
जमानत अधिनियम, 2017 की धारा 16 की परिभाषा
यदि अजमानतीय अपराध में आरोपी व्यक्ति के विचारण समाप्त होने के पश्चात और निर्णय आने के पूर्व मजिस्ट्रेट को लगता हैं कि आरोपी किसी ऐसे अपराध का दोषी नहीं है जिसका विचारण हो गया है और वह अभिरक्षा में है तब मजिस्ट्रेट आरोपी को निर्णाय से पूर्व आरोपी को जमानत पर छोड़ सकता है।
Definition of Section 16 of the Bail Act, 2017
साधारण शब्दों में कहे तो किसी भी अपराध का विचारण समाप्त होने के बाद अगर मजिस्ट्रेट को लगता है कि आरोपी अपराध में दोषमुक्त हो सकता है तब मजिस्ट्रेट निर्णय आने से पहले आरोपी की जमानत मंजूरी कर सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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