ADVOCATE द्वारा प्रारूप में तकनीकी भूल हो जाए तो क्या रिट याचिका अस्वीकार हो जाएगी, जानिए

Legal general knowledge

साधारणतया प्रशासनिक आदेश न्यायालय में वाद योग्य नहीं होते हैं किंतु कुछ ऐसे आदेश है जो मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का उल्लंघन करते हैं उन मामलों में रिट याचिका लगाई जा सकती है एवं न्यायालय भी इनमें हस्तक्षेप कर सकता है।

रिट याचिका क्या होती है

इसी प्रकार कोई भी राजनीतिक प्रश्न न्यायालय में वाद योग्य नहीं होते हैं किंतु जब यह लगता है कि राजनीतिक शक्ति का प्रयोग संविधान एवं विधि के नियमों के अनुसार नहीं किया जा रहा है तब न्यायालय इन मामलों में भी हस्तक्षेप कर सकता है। आम जनता के लिए वर्तमान समय में रिट याचिका ही ऐसा अधिकार है जिससे वह सरकार के अवैधानिक कानून को परास्त करने के लिए खड़े हो सकते हैं। रिट याचिका उसके निर्धारित प्रारुप में बनती है। अगर रिट याचिका में वकील द्वारा कोई तकनीकी भूल हो जाती है तो क्या न्यायालय रिट याचिका को अस्वीकार करेगा या नहीं जानिए एक महत्वपूर्ण निर्णय इस पर।

मुरारी मोहन देव बनाम भारत सरकार के सचिव:- 

उक्त मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा अभिनिर्धारित किया गया कि यदि किसी अधिवक्ता या वकील द्वारा रिट याचिका प्रारूप में कोई तकनीकी भूल हो जाती है तब किसी भी याचिकाकर्ता को हानि नहीं होना चाहिए एवं रिट याचिका को अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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