दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 की उपधारा एक के अंतर्गत पत्नी अपने पति से भरण पोषण पाने का कानूनी अधिकार रखती है। ऐसे मामलों में अक्सर पति भरण पोषण देने से इनकार करता है। कई प्रकार के तर्क और दलितों के साथ मामले को विचाराधीन बनाए रखा जाता है परंतु 3 ऐसे कारण हैं जिसमें, पति की कोई दलील काम नहीं करती। उसे हर हाल में भरण-पोषण देना ही पड़ता है।
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 125 की उपधारा 03 के परन्तु के आधीन
1. अगर कोई पति नपुंसक है तो पत्नी अलग रहने की मांग कर सकती है एवं पति से भरण पोषण प्राप्त कर सकती है, क्योंकि नपुंसकता क्रूरता का पूर्ण आधार है।
2. पहली पत्नी के रहते पति ने अन्य स्त्री से विवाह कर लिया हो।
3. यदि पत्नी के होते हुए कोई पति किसी अन्य स्त्री को लिव-इन-रिलेशन में रखता हो।
उपर्युक्त ठोस आधार पर कोई भी पत्नी आपने पति स भरण पोषण प्राप्त कर सकती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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