OBC आरक्षण- हाईकोर्ट में वकीलों की महत्वपूर्ण दलील और कार्यवाही का विवरण पढ़िए- MP NEWS

ओबीसी आरक्षण को लेकर आज मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में वकीलों की ओर से महत्वपूर्ण दलील प्रस्तुत की गई। सभी पक्षों के वकीलों ने अपने अलग-अलग तर्क प्रस्तुत किए। सरकार चाहती थी कि हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा दिए जाएं। ओबीसी आरक्षण के विरोधी चाहते थे कि हाईकोर्ट में सुनवाई निरंतर जारी रहे जबकि आरक्षण के समर्थक चाहते थे के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाए। विस्तार से पढ़िए आज की महत्वपूर्ण कार्यवाही का विवरण:- 

उच्च न्यायालय में सुनवाई की जा सकती है

अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर में ओबीसी आरक्षण से संबंधित कुल 69 याचिकाएं विचाराधीन है। इनमें से 29 याचिकाएं आरक्षण के समर्थन में तथा शेष 40 याचिकाएं आरक्षण के विरोध में हैं। इस मामले में आज डिवीजन बेंच क्रमांक 2 के जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस एके सिंह की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई। याचिकाकर्ताओं की ओर से न्यायालय को बताया गया कि उक्त प्रकरणों की सुनवाई न करने का सुप्रीम कोर्ट का कोई अंतरिम आदेश नहीं है, इसलिए उच्च न्यायालय में सुनवाई की जा सकती है। 

सुनवाई नेचुरल जस्टिस का उल्लंघन होगा

ओबीसी आरक्षण के विरोध में दायर याचिकाओं के अधिवक्ता श्री सुयश मोहन गुरू, श्री ब्रिमेंद्र पाठक एवं श्री अंशुल तिवारी ने कहा कि जिसे हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ट्रांसफर याचिकाओं के निर्णय का इंतजार करना आवश्यक है। ओबीसी आरक्षण के पक्ष में दायर याचिका कर्ताओं के अधिवक्ता श्री उदय कुमार, श्री परमानंद साहू, श्री राम भजन लोधी एवं श्री रूप सिंह मरावी ने भी कोर्ट को अवगत कराया कि न्यूट्रल बेंच के गठन हेतु ओबीसी एससी एसटी एकता मंच की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। जिसमें फाइनल सुनवाई 13 जुलाई को नियत की गई है। यदि कोर्ट सुनवाई करती है तो नेचुरल जस्टिस का उल्लंघन होगा। 

समस्त अंतरिम आदेशों को रिक्त कर दिया जाए

शासन की ओर से ओबीसी का पक्ष रखने हेतु राज्यपाल महोदय द्वारा नियुक्त विशेष अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं श्री विनायक प्रसाद शाह ने न्यायालय को बताया कि उक्त प्रकरण में प्रवर्तित समस्त अंतरिम आदेशों को रिक्त कर दिया जाए ताकि प्रदेश में लंबित भर्तियों को संपन्न किया जा सके। 

एडीशनल एडवोकेट जनरल श्री आशीष वर्नार्ड तथा गवर्नमेंट एडवोकेट श्री दर्शन सोनी ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित ट्रांसफर याचिकाओं में पारित आदेशों को प्रस्तुत करके हाई कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाओं की सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में नियत है। तब तक इन मामलों की सुनवाई नहीं की जाए। 

उक्त समस्त प्रकरणों में प्रस्तुत तर्कों को दृष्टिगत रखते हुए हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले सुनवाई करने से इंकार कर दिया और सुनवाई की अगली तारीख सुप्रीम कोर्ट की तारीख के बाद 17 जुलाई 2023 नियत कर दी।
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