मध्य प्रदेश के दमोह जिले के कलेक्टर श्री मयंक अग्रवाल की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। हिजाब के जैसी दिखने वाली स्कूल यूनिफार्म के मामले में पहले कोर्ट ने फटकार लगाई थी और अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने समझदारी करके दिल्ली तलब कर लिया है। आरोप है कि आयोग के निर्देश के बावजूद निर्धारित अवधि में जांच पूरी नहीं की।
क्लीन चिट मामले में कोर्ट ने कलेक्टर को फटकारा था
मामला गंगा जमना स्कूल का है। यहां लड़कियों की यूनिफार्म कुछ इस प्रकार की निर्धारित की गई थी कि वह पहली नजर में हिजाब जैसी दिखती थी। इस मामले पर आपत्ति उठी तो कलेक्टर की ओर से बयान जारी हुआ कि हमने जांच करवा ली है और कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। कलेक्टर के बयान के बाद कई और खुलासे भी हुए। मामला पूरे भारत देश की सुर्खियों में आ गया। पुलिस द्वारा FIR दर्ज की गई। आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कलेक्टर एसपी को तलब कर लिया था। फटकार लगाते हुए कहा था कि इस प्रकार से बयान जारी कर आरोपियों को क्लीन चिट नहीं देनी चाहिए।
राष्ट्रीय बाल आयोग ने दमोह कलेक्टर को क्यों तलब किया
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन श्री प्रियंक कानूनगो ने बताया कि दिनांक 31 मई को गंगा जमना स्कूल से संबंधित मामले सामने आने के बाद कलेक्टर को 7 दिन के भीतर जांच एवं कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था लेकिन एक महीने बाद भी कलेक्टर की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। कलेक्टर का यह रवैया आयोग की अवहेलना है और इसीलिए समन जारी करके श्री मयंक अग्रवाल आईएएस को 10 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे आयोग के दिल्ली स्थित ऑफिस में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए।
✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।
क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।