मध्यप्रदेश में शिक्षकों के ग्रीष्मावकाश के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियां लगातार संचालित होती रही और अंत में राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से समय से पहले गर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई। इससे नाराज कर्मचारी संगठनों ने ग्रीष्मावकाश की व्यवस्था को बंद करके उसके स्थान पर 45 दिन का अर्जित अवकाश दिए जाने की मांग की है।
छुट्टियों में कटौती से मध्यप्रदेश के शिक्षक नाराज
स्कूल शिक्षा विभाग प्रतिवर्ष शिक्षकों के लिए 45 दिन का ग्रीष्मावकाश घोषित करता है। उसी अवधि में शिक्षकों से मूल्यांकन कार्य कराया जाता है। इससे शिक्षकों को अवकाश का लाभ नहीं मिलता है। इसके चलते शिक्षक संगठनों ने ग्रीष्मावकाश के बदले 45 दिनों के अर्जित अवकाश का लाभ दिए जाने की मांग की है। राज्य आदर्श शिक्षक मंच (रस्म) के अध्यक्ष भगवतीप्रसाद पंडित ने बताया कि कई वर्षों से शिक्षकों के ग्रीष्म अवकाश में कटौती की जा रही है।
पहले 60 दिन का अवकाश मिलता था, अब 40 भी नहीं
पहले 60 दिन का अवकाश मिलता था, जिसे घटाकर 54 दिन किया गया बाद में 45 दिन और अब मात्र 40 दिन अवकाश दिया जा रहा है। कटौती के एवज में पहले 10 दिन का अर्जित अवकाश दिया जाता था, वह भी बंद कर दिया गया। प्रतिवर्ष ग्रीष्मावकाश के दौरान प्रशिक्षण, बीएलओ, सर्वे, मूल्यांकन सहित कई कार्य कराए जाते हैं, इससे शिक्षक अपने अवकाश का उपभोग नहीं कर पाता है।
शिक्षकों से इस साल छुट्टियों में कितने काम करवाएं
इस वर्ष भी ग्रीष्म अवकाश में शिक्षकों से मूल्यांकन, बीएलओ, प्रशिक्षण सर्वे, पुनर्मूल्यांकन, नामांकन अभियान कक्षा उन्नति, मैपिंग, शाला त्यागी बच्चों की खोज, नवप्रवेशी बच्चों का अभियान आदि कराए गए। इसके साथ ही शासन ने 10 जून की जगह 3 जून से ही स्कूलों में शिक्षकों को आमद देने का आदेश जारी कर दिया गया। इससे शिक्षक परेशान हो रहे हैं। पंडित ने कहा कि शासन शिक्षकों को ग्रीष्म अवकाश की जगह अर्जित अवकाश का लाभ दें।
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