मध्य प्रदेश के 16 जिले जहां प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों का रिकॉर्ड खराब- MP NEWS

जिस प्रकार मार्कशीट, सभी विषयों में प्राप्तांक का औसत निकाल कर किसी भी विद्यार्थी की योग्यता अथवा सफलता प्रमाणित करती है ठीक उसी प्रकार पूरी कक्षा के विद्यार्थियों का औसत उस कक्षा के शिक्षक की मार्कशीट होता है। इस सिद्धांत के अनुसार मध्य प्रदेश के 16 जिले ऐसे हैं जहां प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक, अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते। बच्चों को ठीक से नहीं पढ़ाते। 

मध्य प्रदेश के 16 जिलों में एक भी विद्यार्थी ए-प्लस ग्रेड नहीं

स्कूल शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार ग्वालियर, दतिया,श्योपुर, भिंड, मुरैना, अशोकनगर, खरगोन, विदिशा, शिवपुरी, गुना, अलीराजपुर, निवाड़ी, उज्जैन, आगर मालवा, रतलाम और टीकमगढ़, मध्यप्रदेश के ऐसे जिले हैं जहां समाज में एक भी स्टूडेंट ए प्लस ग्रेड हासिल नहीं कर सका। इसके अलावा भोपाल सहित कई ऐसे जिले हैं जहां कुल विद्यार्थियों के 1% विद्यार्थी भी ए प्लस ग्रेड हासिल नहीं कर सके। जिस प्रकार यह नहीं कहा जा सकता कि नियुक्त किए गए शिक्षक अयोग्य हैं। ठीक उसी प्रकार यह भी नहीं कहा जा सकता कि उपरोक्त सभी जिलों के बच्चों में ए प्लस की योग्यता ही नहीं है। 

अलबत्ता यह कहना सर्वथा उचित होगा कि उपरोक्त जिलों के प्राथमिक विद्यालयों में पदस्थ शिक्षक अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते। जब कक्षा में बच्चों को पढ़ाया ही नहीं जाएगा तो बच्चा टॉप कैसे करेगा। कितने भी स्मार्ट स्कूल बना लीजिए यदि शिक्षक स्मार्ट नहीं हुआ तो संसाधन कतई काम के नहीं रह जाएंगे। जिन शिक्षकों को गूगल में सर्च करना नहीं आता, वह स्मार्ट बोर्ड पर टेक्नोलॉजी के सवालों का जवाब कैसे दे सकते हैं। 

✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!