जबलपुर। मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य विभाग में कोरोनावायरस संकट काल के दौरान कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई परंतु उन्हें वेतन और भत्ते नहीं दिए गए। एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पिछले 4 साल से नौकरी कर रहा है परंतु से वेतन नहीं दिया जा रहा। हाईकोर्ट ने 30 दिन के भीतर वेतन भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।
छतरपुर निवासी चंद्र किशोर गौतम, अनिल कुमार प्यासी, वर्षा कुड़ेरिया व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि 22 जुलाई 2019 में उनकी नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (कलेक्टर रेट) के पद पर स्वास्थ्य विभाग छतरपुर में हुई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रत्न भारत तिवारी ने बताया कि कोरोना काल में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनकी ड्यूटी लगाई जाती रही। नियुक्ति तिथि से याचिकाकर्ता अनवरत स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति पश्चात कोई वेतन प्रदान नहीं किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को समय समय पर अभ्यावेदन दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पिछले चार साल से वेतन से वंचित होने के कारण हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता कर्मियों के वेतन संबंधी लंबित अभ्यावेदन का 30 दिन के भीतर निराकरण करें। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने कहा कि आवेदन पर विचार कर कर्मचारियों को वेतन का भुगतान सुनिश्चित करें।
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