Madhya Pradesh Government employees politics news
भोपाल। मध्यप्रदेश में लाखों कर्मचारी लावारिस हो गए हैं। जिन कर्मचारियों को उन्होंने अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए नेता बनाया था, वह विधानसभा चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं। कुछ सरकार की शरण में है तो कुछ जय-जय कमलनाथ का जाप कर रहे हैं।रामनरेश त्रिपाठी- पद नहीं छोड़ा लेकिन भार उतार दिया, जनसंपर्क कर रहे हैं
भोपाल की प्रतिष्ठित पत्रकार श्री गौरीशंकर चौरसिया की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इस रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्री राम नरेश त्रिपाठी पिछले 1 साल से शिक्षकों के लिए संघर्ष करने के बजाए कटनी जिले की बहोरीबंद सीट से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि वह नियमित रूप से जनसंपर्क कर रहे हैं। धार्मिक कथा वाचन को माध्यम बना लिया है और हर सप्ताह कमलनाथ चालीसा का पाठ करते हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि ऐसा करने से उनकी मनोकामना पूरी होगी और उन्हें कांग्रेस पार्टी से विधानसभा का टिकट मिल जाएगा।
वीरेंद्र खोंगल- बेटे को टिकट नहीं मिला तो खुद लड़ेंगे
वीरेंद्र खोंगल, मध्य प्रदेश के सबसे सीनियर कर्मचारी नेताओं में शामिल है। मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के संरक्षक भी हैं परंतु उनकी रूचि कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान में नहीं, अपने बेटे को विधानसभा टिकट दिलाने में है। स्वयं कांग्रेस पार्टी की वचन पत्र समिति के सदस्य बन बैठे हैं। अपने बेटे विक्की खोंगल को पार्टी का प्रवक्ता बनवा दिया है। प्लान-बी भी तैयार है। यदि कमलनाथ, विक्की के नाम पर राजी नहीं हुए तो खुद चुनाव लड़ेंगे।
विश्वजीत सिंह सिसोदिया- भाजपा से टिकट चाहिए इसलिए कर्मचारियों का संघर्ष स्थगित
श्री विश्वजीत सिंह सिसोदिया वैसे तो मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष है परंतु गुना या बम्होरी विधानसभा से भाजपा का टिकट चाहते हैं। इसके लिए जबरदस्त दौड़-धूप कर रहे। जब भी मौका मिलता है, शिवराज का अभिषेक करने पहुंच जाते हैं। उनका कहना है कि मेरे चाचा भी नेता थे, अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री थे, इसलिए मैं भी मंत्री बनूंगा।
भरत पटेल- अध्यापकों को जनसंपर्क में लगा रखा है
शिक्षाकर्मियों के लिए कड़ा संघर्ष करने वाले कर्मचारी नेता मुरलीधर पाटीदार ने आंदोलन को आधी सफलता के बाद ही छोड़ दिया था। उस समय भरत पटेल ने अध्यापकों का हाथ थामा और विश्वास दिलाया कि वह मुरलीधर पाटीदार की तरह अध्यापकों को मल्हार में छोड़कर नहीं जाएंगे परंतु खबर है कि जबलपुर की बरगी विधानसभा सीट से टिकट की मनोकामना लिए भोपाल की परिक्रमा कर रहे हैं। सब कुछ गुपचुप चल रहा है। बाकी कर्मचारी नेताओं से एक कदम आगे हैं और शासकीय अध्यापकों को जनसंपर्क में लगा रखा है।
दिनेश शर्मा- कांग्रेस और कमलनाथ को खुश करने आंदोलन किया था
श्री दिनेश शर्मा, मध्य प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। एक वक्त ऐसा भी था जब इनकी नेतृत्व में 80% ग्राम पंचायतों में काम बंद हो गया था। हाल ही में इन्होंने एक और आंदोलन किया। अब खबर आ रही है कि वह आंदोलन, ग्राम पंचायत सचिवों को उनका अधिकार दिलाने के लिए नहीं था बल्कि कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ को खुश करने के लिए था। मंदसौर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। इससे पहले उनकी पत्नी जनपद पंचायत के अध्यक्ष रह चुकी हैं।
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