जबलपुर। मध्यप्रदेश शासन का परिवहन विभाग हाईकोर्ट के कटघरे में आता नजर आ रहा है। जिस GPS ट्रैकिंग डिवाइस की कीमत राजस्थान में ₹3200 है उसे मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग 13978 रुपए में बिकवा रहा है। हाईकोर्ट ने निर्देशित किया है कि परिवहन विभाग जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस की कीमत निर्धारित करें।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को 45 दिन का समय दिया
न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को निर्देश दिए कि वे बस आपरेटर्स उक्त मांग को लेकर प्रस्तुत अभ्यावेदन पर 45 दिन के भीतर उचित आदेश पारित करें। आपरेटर्स का कहना है कि पड़ोसी राज्य राजस्थान में पैनिक बटन व जीपीएस डिवाइस इंस्टाल के लिए 32 सौ रुपये लिए जाते हैं, जबकि मध्य प्रदेश में इसकी कीमत 13 हजार 978 रुपये वसूली जा रही है। जिससे परेशान होकर आपरेटर्स ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दरअसल यात्री बसों में पैनिक बटन और जीपीएस शासन द्वारा अनिवार्य किया गया है।
परिवहन विभाग में जीपीएस कंपनियों को करोड़ों की कमाई करवाई
जबलपुर के संजीव कोहली, विकास जायसवाल के अलावा भोपाल, नर्मदापुरम, सीधी, सतना, बैतूल कई जिलों के बस ऑपरेटर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आशीष रावत ने दलील दी कि प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में आदेश जारी करते हुए सिस्टम लगाने के लिए चार कंपनियों को अधिकृत किया था।
सुनवाई के दौरान परिवहन विभाग की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि 15 अन्य कंपनियों को भी अधिकृत कर दिया गया है। इसके बाद कोर्ट को बताया गया कि उक्त सिस्टम के लिए राजस्थान में 32 सौ रुपये लिए जा रहे हैं, जबकि प्रदेश में लगभग 14 हजार रूपये लिये जा रहे हैं, जोकि अनुचित है।
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