High Court decision about rape case Ramnivas Sharma Gwalior
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने होटल कारोबारी एवं करोड़पति खदान ठेकेदार श्री राम निवास शर्मा के मामले में कहा कि डीएनए रिपोर्ट के पॉजिटिव आ जाने से कोई बलात्कारी नहीं हो जाता। उल्लेखनीय है कि निचली अदालत ने इस मामले में पुलिस द्वारा प्रस्तुत की गई क्लोजर रिपोर्ट को रिजेक्ट कर दिया था और डीएनए जांच कराने के आदेश दिए थे।
रामनिवास शर्मा विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन मामले का विवरण
दिनांक 22 जून 2022 को ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाने में पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर श्री राम निवास शर्मा एवं श्री अमित मिश्रा के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने श्री अमित मिश्रा को गिरफ्तार करके एवं उनसे संबंधित जांच पूरी करके चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया है परंतु श्री राम निवास शर्मा की भूमिका की जांच पूरी नहीं हुई थी। इसी दौरान जिस लड़की द्वारा बलात्कार का मामला दर्ज कराया गया था श्री अमित मिश्रा के पक्ष में, न्यायालय में उसने अपने बयान बदल दिए। न्यायालय लड़की को पक्ष द्रोही घोषित कर दिया था।
इस आधार पर विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने दूसरे आरोपी श्री रामनिवास शर्मा के खिलाफ लंबित जांच स्थगित करके कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी। न्यायालय ने इस क्लोजर रिपोर्ट को यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया कि पुलिस ने अपनी जांच पूरी नहीं की है और ना ही आरोपी का डीएनए टेस्ट हुआ है। पहले डीएनए टेस्ट कराएं उसके बाद क्लोजर रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा।
इस आदेश को श्री राम निवास शर्मा द्वारा हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया। हाईकोर्ट ने विचारण न्यायालय के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें डीएनए जांच कराने के लिए कहा गया था।
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