Madhya Pradesh Public Service Commission, indore द्वारा मध्यप्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए आयोजित Assistant Manager Recruitment Exam 2021 के परिणाम एवं संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर में दाखिल याचिका क्रमांक WP/6490/2023 के अंतिम निर्णय के अध्यधीन घोषित कर दी गई है।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर- निरस्त उम्मीदवारों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर द्वारा सरकारी अस्पतालों में सहायक प्रबंधक के 64 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु दिनांक 7 जुलाई 2021 को विज्ञापन जारी किया गया था। उक्त पद हेतु योग्यता लोक स्वास्थ्य प्रबंधन अथवा अस्पताल प्रबंधन/ प्रशासन/ सामग्री विषय में स्नातकोत्तर उपाधि/ स्नातकोत्तर पत्रोपाधि निर्धारित की गई थी। याचिकाकर्ता विनीता नाग, ममता डेहरिया, जूही ताम्रकार एवं कामना राजपूत द्वारा भोपाल विश्वविद्यालय से उक्त चाही गई शैक्षणिक योग्यता का पीजी डिप्लोमा इन हॉस्पिटल सर्विसेज मैनेजमेंट (2 साल का रेगुलर डिग्री कोर्स) किया था एवं उक्त पद हेतु आवेदन करके दिनांक 2 फरवरी 2022 को आयोजित मुख्य परीक्षा में शामिल हुए जिसका रिजल्ट 13 अक्टूबर 2022 को जारी किया गया।
MPPSC ने जो डिग्री मांगी थी वह तो किसी भी यूनिवर्सिटी से नहीं मिलती
रिजल्ट में आयोग को नियमानुसार 3 गुना अर्थ 192 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए चयन करना चाहिए था लेकिन आयोग ने मात्र 88 अभ्यर्थियों को ही चयनित किया। याचिकाकर्ता सहित 13 अभ्यर्थियों को यह कहते हुए अयोग्य घोषित कर दिया विज्ञापन के अनुसार शैक्षणिक योग्यता आधारित नहीं करते। याचिकाकर्ताओं द्वारा आपत्ती आवेदन प्रस्तुत किया गया। अपने पक्ष समर्थन में यह भी प्रमाणित किया कि, मध्य प्रदेश के विभिन्न संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रम का सिलेबस समान है लेकिन कोर्स का नाम इग्नू और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में अलग-अलग है। अभ्यर्थियों ने एमपीपीएससी को यह भी बताया कि जिस डिप्लोमा की मांग आयोग द्वारा की गई है। इस नाम का कोई भी पाठ्यक्रम किसी भी कॉलेज में संचालित नहीं होता।
एमपी लोक सेवा आयोग पर मनमाना निर्णय लेने का आरोप
आयोग ने आपत्ति अभ्यावेदन को निरस्त कर दिया। जिसके कारण याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने दिनांक 16 मार्च को याचिका दाखिल करके त्वरित सुनवाई हेतु अनुरोध किया। दिनांक 17 मार्च 2023 को उच्च न्यायालय के विद्वान जस्टिस श्री संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की। अधिवक्ता ने कोर्ट में तर्क दिया कि, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा डिग्री का भौतिक सत्यापन किए बिना याचिकाकर्ताओं को अयोग्य घोषित कर दिया। यह प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण एवं मनमानी है।
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर के तर्कों से सहमत होते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए एवं आयुक्त जवाब मांगा। इसके साथ ही उक्त संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को याचिका क्रमांक WP/6490/2023 के निर्णय के अध्यधीन कर दिया है।
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