GWALIOR NEWS- क्या सिलावट को सीमित करने, अक्षय कुमार सिंह को कलेक्टर बनाया गया है

ग्वालियर
। पिछले दिनों मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रांसफर सूची जारी हुई जिसमें शिवपुरी के कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को ग्वालियर कलेक्टर बनाया गया। पावर गैलरी में इसे प्रमोशन कहते हैं। बड़ा सवाल है कि क्या अक्षय कुमार सिंह को प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट उनके दायरे में सीमित करने के लिए कलेक्टर बनाया गया है। 

शिवपुरी में प्रभारी मंत्री सिसोदिया के लिए सिरदर्द बन गए थे सिंह

कुछ पुरानी यादें ताजा करने की जरूरत है। शिवपुरी में महेंद्र सिंह सिसोदिया जैसे कद्दावर और अनुभवी नेता प्रभारी मंत्री थे। श्री सिसोदिया भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की टीम के सीनियर सदस्य हैं, लेकिन रिकार्ड बताता है कि महेंद्र सिंह सिसोदिया ने शिवपुरी के मामलों में जितने भी प्रतिष्ठा पूर्ण फैसले लिए, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह लगभग सब को पलट दिया। कई दफा ऐसा हुआ जब महेंद्र सिंह सिसोदिया, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के कारण तिलमिलाते हुए दिखाई दिए। एक बार तो खुलकर बयान बाजी भी की थी मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया था। हाल ही में कोलारस की प्रभारी तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सस्पेंड करने की घोषणा की परंतु कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने ज्योति को सस्पेंड नहीं होने दिया। इसके ठीक बात उन्हें ग्वालियर का कलेक्टर बनाया गया। 

ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों की स्थिति

मध्य प्रदेश के अन्य जिलों की तरह ग्वालियर में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों की स्थिति अच्छी नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के मूल कार्यकर्ता, सिंधिया समर्थक नेताओं को अपना मानने के लिए तैयार नहीं है। श्री सिंधिया, पावरफुल नेता है इसलिए उनके समर्थक भी भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं देते। डबरा में तो सिंधिया समर्थक इमरती देवी, गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से सीधे टक्कर ले रही है। 

जहां तक सिंधिया समर्थक मंत्रियों को प्रशासनिक सपोर्ट की बात है तो सब जानते हैं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को सड़क बनवाने के लिए चप्पल छोड़नी पड़ी थी। अभी भी उनके क्षेत्र की पूरी सड़कें बनी नहीं है। 

इमरती देवी की हालत तो यह है कि ना तो थानेदार उनकी सुनता है ना ही माइनिंग इंस्पेक्टर। ज्योतिरादित्य सिंधिया की कृपा से उन्हें मंत्री का दर्जा तो मिल गया लेकिन क्षेत्र में महत्व नहीं मिल रहा है।

सवाल यह है कि क्या कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह की पॉलिसी ग्वालियर में भी बिल्कुल वही रहेगी जो शिवपुरी में थी। 

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