भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिनांक 8 जनवरी 2023 से शुरू हुआ करणी सेना परिवार का आंदोलन भले ही शिवराज सिंह चौहान सरकार से समझौते के बाद खत्म हो गया हो परंतु उसकी कहानियां लंबे समय तक जिंदा रहेंगी। इस आंदोलन में शामिल हुए अनुसूचित जाति के उम्मीदवार विनोद सुनार्थी का कहना है कि आरक्षण तो आर्थिक आधार पर ही होना चाहिए। विनोद 340 किलोमीटर पैदल चलकर भोपाल आए थे।
विनोद सुनार्थी: 30 दिसंबर को रतलाम से पैदल चले थे 7 जनवरी को भोपाल पहुंचे
जीवन सिंह शेरपुर एवं उनके साथी आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। विनोद सुनार्थी भी उनके साथ मौजूद थे। विनोद बड़े नेता नहीं है इसलिए उन्हें मंच पर जगह नहीं मिली परंतु उनका संघर्ष जीवन सिंह शेरपुर से कम नहीं था। विनोद ने बताया कि, मेरा परिवार खेती करता है। अनुसूचित जाति से आता हूं। 340 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय कर 7 जनवरी को भोपाल पहुंचा। 30 दिसंबर की दोपहर 3 बजे रतलाम से पैदल चले थे। पैरों में छाले पड़ गए।
मांगों का समर्थन करने के लिए गांव से अकेला ही चल दिया
विनोद सुनार्थी ने कहा कि, जब मैंने 21 सूत्रीय मांग पढ़ी, तो मुझे भी लगा कि बदलाव होना चाहिए। मन में आया कि इस बदलाव को अपने गांव से ही शुरू करते हैं, बस इसीलिए पैदल ही चल दिया। रोजाना रात 12 बजे तक चलता था। रास्ते में किसी परिचित का घर होता, तो वहीं पर आराम कर लेता, वरना किसी ढाबे पर रुक जाता। इस तरह से भोपाल पहुंचा।
हर गरीब को आरक्षण मिलना चाहिए: विनोद सुनार्थी
विनोद सुनार्थी ने कहा कि, मैं 21 सूत्रीय मांग का समर्थन करता हूं। आरक्षण की जो बात हो रही है, वो इस आधार पर हो रही है कि आरक्षण रहेगा, लेकिन आर्थिक आधार पर। गरीबी जाति देखकर नहीं आती। हर वर्ग में गरीब हैं। जनरल और ओबीसी को भी उनका हक मिलना चाहिए। एससी-एसटी को तो उनका हक मिल ही रहा है।
मैं भी मानता हूं, एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग होता है: विनोद सुनार्थी
दूसरा एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन होना चाहिए। मैंने करीब 100 मामले ऐसे देखे कि लोग एट्रोसिटी एक्ट का गलत फायदा उठा रहे हैं। जांच नहीं होती है। जो निर्दोष होता है, उसे भी जेल भेज दिया जाता है। मैं इस परिवर्तन के लिए पैदल चलकर आया हूं।
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