भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने एक प्रेस नोट जारी करके हड़ताल का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने सरकार से कहा है कि यदि 1 सप्ताह के भीतर पंचायत सचिवों को उनका रुका हुआ वेतन भुगतान नहीं किया जाता है तो सभी पंचायत सचिव हड़ताल पर चले जाएंगे। श्री दिनेश शर्मा की यह टाइम लिमिट दिनांक 25 जनवरी 2023 को समाप्त होती है। इस हिसाब से 26 जनवरी को पंचायत सचिव हड़ताल पर रहेंगे।
मध्य प्रदेश में पंचायत सचिवों को 4 महीने से वेतन नहीं मिला
पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा द्वारा प्रेस नोट जारी करके जानकारी दी गई कि मध्य प्रदेश के कई ब्लाकों में पंचायत सचिवों को 3- 4 महीने के वेतन का भुगतान बजट आवंटन नही होने के कारण लंबित है, कहीं-कहीं एरियस का भुगतान लंबित है। विगत सप्ताह फार्मेलिटी के लिए थोड़ा थोड़ा आवंटन जनपदों को प्रदाय किया गया जिससे पूरे प्रदेश में कही भी किसी भी जनपद में 01 महीने का वेतन भुगतान भी नही हो सका।
श्री शर्मा ने आगे कहा कि प्रदेश भर में कई ब्लाकों में पंचायत सचिवों का 03 से 04 महीने का वेतन भुगतान लंवित है, हमारे हज़ारों पंचायत सचिवो के सामने बच्चों की पढ़ाई, माता-पिता के इलाज, और बैंक की किस्तें भरने के लिए संकट जैसे हालात हो गए हैं, कई बार मांगपत्र भेजने के बाद भी बजट उपलब्ध कराया नही जा रहा है।
सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने आगे कहा कि पंचायत सचिव वैसे भी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं छठवां वेतनमान की गणना गलत ढंग से होने के कारण प्रतिमाह हजारों का नुकसान हो रहा है, विभाग में संविलियन की फाइल मंत्रालय- संचालनालय के चक्कर काट रही है, वही प्रदेश पंचायत सचिव एकमात्र कर्मचारी है जिसे सातवें वेतनमान से वंचित रखा गया है,अनुकंपा नियुक्ति के लिए दिवंगत पंचायत सचिवों के परिजन नियमों के चक्कर में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, इन सब के आदेशों तो दूर पंचायत सचिवों को वेतन की लाले पड़े हैं।
मैं माननीय मुख्यमंत्री महोदय, माननीय पंचायत मंत्री महोदय एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आला अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि ऐसी व्यवस्था बनाएं कि प्रदेश के प्रत्येक पंचायत सचिव को वेतन और एरियर का संपूर्ण भुगतान समय पर हो जाए, ताकि हमारे पंचायत सचिवों के हर महीने वेतन के लिए चक्कर ना काटने पड़ें।
श्री शर्मा ने कहा कि यदि 01 सप्ताह में वेतन के भुगतान की व्यवस्था नही की जाती है तो प्रदेश भर में पंचायत सचिव नो पे नो वर्क की तर्ज पर काम बंद कर देंगे, इसके लिए जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
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