INDORE NEWS- सॉफ्टवेयर इंजीनियर की संदिग्ध मौत, नशे का ओवरडोज

Bhopal Samachar
इंदौर
। एक युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर की संदिग्ध मौत हो गई। उस की डेड बॉडी एक ऐसे स्टूडेंट के रूम पर मिली जिसे वह जानता था कि नहीं था। पुलिस का अनुमान है कि नशे की ओवरडोज के कारण सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत हुई होगी। मृतक का नाम सार्थक जायसवाल बताया गया है। इंदौर मूल का रहने वाला है और गुजरात की किसी कंपनी के लिए काम करता था।

इंदौर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, इंजेक्शन लेकर सोया फिर उठा ही नहीं

सॉफ्टवेयर इंजीनियर सार्थक जायसवाल नशे की लत लग चुकी थी। मंगलवार रात में वह परिवार से झगड़ा करने के बाद घर छोड़कर चला गया था। उसे एक अनजान युवक रास्ते में मिला, जिससे उसने लिफ्ट मांगी। इसी अनजान युवक सुभाष लोट ने ही पुलिस को सूचना दी थी। सुभाष ने पुलिस को बताया था कि उसने सार्थक को लिफ्ट दे दी। वह द्वारकापुरी कॉलोनी में किराए के कमरे में रहता है। बातों-बातों में सार्थक ने उसे बताया कि वह इंदौर में कमरा ढूंढ रहा है। दोनों की दोस्ती हो गई और सुभाष उसे अपने कमरे पर ले आया। यहां सार्थक ने सोने से पहले नशे का इंजेक्शन लिया। सुभाष ने टोका तो बोला- इंजेक्शन के बिना उसे नींद नहीं आती। सार्थक सो गया और फिर सुबह नहीं उठा।

इंदौर पुलिस का डाउट, दोनों की पुरानी दोस्ती

इधर, पुलिस को सुभाष की लिफ्ट वाली कहानी पर शक है। पुलिस जब सुभाष के कमरे में पहुंची तो वहां एक ही बिस्तर लगा हुआ था। पुलिस को शक है कि सुभाष सार्थक को पहले से जानता था। संभवत: वह भी नशा करता है। फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर, 2 साल से नशे की गिरफ्त में था

एसआई केदार पांडे के मुताबिक सार्थक (26) पिता हेमंत जायसवाल निवासी वैशाली नगर का शव एक कमरे पर मिला था। मृतक के परिवार ने बताया कि उसे 2 साल से नशे की लत थी। पिता हेमंत ने बताया कि वह बेटे को समझाते थे, लेकिन वह चोरी छिपे नशा करता था। उसे नशे की लत कैसे लगी इसके बारे में वह कुछ भी नहीं बता पाए।

लॉकडाउन के बाद वर्क फ्रॉम होम ही कर रहा था

सार्थक के पिता हेमंत ठेकेदारी करते हैं। वैशाली नगर में हेमंत पत्नी, बेटे सार्थक और बेटी के साथ रहते थे। सार्थक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसने इंदौर से ही पढ़ाई की थी, जिसके बाद उसका सिलेक्शन बेंगलुरु में बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में हो गया था। इसके बाद वह गुजरात चला गया। लॉकडाउन के बाद वह वर्क फ्रॉम होम ही कर रहा था। कुछ दिनों से वह अपने काम पर भी ध्यान नहीं दे रहा था।

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