ग्वालियर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले एक बार फिर ग्वालियर जिले में तनावपूर्ण स्थिति बनने लगी है। भितरवार में जिस स्थान पर पानी की टंकी बनाई जानी थी। किसी ने रात में चुपके से डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा रख दी। सुबह जब उसे हटाकर दूसरी जगह रखने का प्रयास किया गया तो एसडीएम के साथ आई पुलिस पार्टी पर पथराव कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया। इससे पहले ही निजी प्लॉट पर किसी ने अंबेडकर की प्रतिमा रख दी थी। तब भी बड़ा तनाव हुआ था।
जहां पर पानी की टंकी बनानी थी वहां पर मूर्ति रख दी
मामला ग्वालियर जिले की भितरवार तहसील के चरखा गांव का है। सरकारी जमीन पर पानी की टंकी और नवीन पंचायत भवन बनाया जाना था वहां पर किसी ने भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति रख दी। शुक्रवार की रात चुपचाप मूर्ति रखी गई।
पुलिस प्रशासन की टीम पर पथराव कर दिया, कई घायल
शनिवार को जैसे ही प्रशासन को पता चला, मूर्ति को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई। पुलिस के संरक्षण में प्रशासन की टीम मूर्ति को विस्थापित करने की कार्रवाई कर रही थी कि तभी गांव के कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस के तीन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। कई पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं। कुछ इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया
स्थानीय पुलिस थाने की ओर से बताया गया कि घटनास्थल पर एसडीएम अश्विनी रावत, तहसीलदार और थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे। सभी ने लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया परंतु कुछ लोग उपद्रव करने का मन बना कर बैठे थे। वह किसी भी स्थिति में मानने को तैयार नहीं थी। पथराव के बाद सिचुएशन को कंट्रोल करने के लिए बल प्रयोग किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और एसएसपी अमित सांघी भी भितरवार पहुंच गए। आसपास के कई थानों से भारी संख्या में पुलिस बल भितरवार भेज दिया गया है।
ग्वालियर जिले में तीन महीने में यह तीसरा मामला
ग्वालियर जिले में 3 महीने के अंदर यह तीसरी घटना है, जिसमें शासकीय भूमि पर आंबेडकर की प्रतिमा रखी गई है। भितरवार के गोहिंदा का मामला भी इसी तरह का था। जहां निजी भूमि पर डॉक्टर आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी गई थी। उसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था। इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया था।
लोगों को सताने लगा अपनी जमीन का डर
प्रतिमा का पुराना विवाद पहले से चल ही रहा है। जिसमें प्रशासन को सीसीटीवी कैमरे और पुलिस के जवान भी तैनात करने पड़े। उसके बाद एकबार फिर भितरवार के चरखा में ही शासकीय भूमि पर डॉक्टर आंबेडकर की प्रतिमा रखने से लोगों को अपनी जमीन का डर सताने लगा है।