स्कूल बस और टैक्सी का रंग पीला होता है ताकि वह भीड़ में दूर से दिखाई दे जाए। JCB सहित खदानों में काम करने वाली दूसरी मशीनों का रंग पीला होता है ताकि वह अंधेरे में आसानी से दिखाई दे जाए। यानी पीला रंग आसानी से दिखाई देता है। सवाल यह है कि फिर आसमान की ऊंचाई पर तेजी से उड़ने वाले हवाई जहाज का रंग सफेद क्यों होता है, पीला क्यों नहीं होता।
सफेद रंग की सबसे खास बात क्या है, यहां पढ़िए
प्रोफ़ेसर डॉ लक्ष्मी धुर्वे का कहना है कि हवाई जहाज की बाहरी परत वाइट कलर की इसलिए रखी जाती है ताकि जहाज के अंदर गर्मी का असर कम किया जा सके। हवाई जहाज लगभग पूरे समय सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में होता है। सूर्य की किरणों में इंफ्रारेड रेज होती हैं जिससे भयंकर गर्मी पैदा होती है। जमीन पर पेड़ पौधों के कारण थोड़ी राहत मिल जाती है परंतु आसमान में हवाई जहाज सूर्य की किरणों के सामने बिल्कुल अकेला होता है। सफेद रंग एक अच्छा रिफ्लेक्टर होता है। ये सूर्य की किरणों को 99 परसेंट तक रिफ्लेक्ट कर देता है जिससे प्लेन गर्म नहीं होते हैं।
हवाई जहाज पर सफेद रंग का दूसरा फायदा यह है कि उसमें छोटे-मोटे क्रैक एवं डेंट भी आसानी से दिखाई दे जाते हैं और यह तो सभी जानते हैं कि हवाई जहाज में बाल के बराबर क्रैक अत्यधिक घातक हो सकता है। आसमान में जब हवाई जहाज तेज गति से उड़ रहा होता है। हवा और बादलों से घर्षण करता हुआ आगे बढ़ता है। एक छोटा सा क्रैक हवाई जहाज को क्रश करवाने के लिए काफी है।