श्योपुर। देहात थाना प्रभारी विकास सिंह तोमर सहित कुल 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जिला कोटा राजस्थान के इटावा थाने में FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। एसपी आलोक कुमार सिंह ने FIR में नामजद पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।
जानकारी के अनुसार खातौली निवासी धर्मेंद्र पारेता ने मंगलवार को देहात थाना पुलिस पर शराब के झूठे प्रकरण में फंसाने का आरोप लगाकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। इससे गुस्साए मृतक के स्वजन और खातौली के ग्रामीणों ने बुधवार को एकत्रित होकर जलालपुरा चौकी के बाहर शव रखकर सड़क पर चक्काजाम कर दिया था। इस दौरान विधायक श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल भी आंदोलनकारी ग्रामीणों के साथ मौजूद रहे।
कुछ समय बाद यह आंदोलन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों की ओर से पुलिस पर पथराव किया गया और पुलिस की ओर से लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस के लाठीचार्ज से विधायक बाबू जनरल घायल हो गए। इस बात के प्रमाण नहीं मिले हैं की पहल किसकी तरफ से हुई। लेकिन हिंसा के कारण तनाव की स्थिति काफी देर तक बनी रही। सैकड़ों लोगों के प्रदर्शन करने के बाद भी जब आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई तो प्रदर्शनकारी शव को लेकर वापस लौट गए।
ताजा जानकारी मिली है कि राजस्थान की इटावा थाना पुलिस ने मृतक धर्मेन्द्र पारेता के पिता रघुनाथ पारेता की रिपोर्ट पर देहात थाना प्रभारी विकास तोमर और पुलिस के कथित बिचौलिए भुवनेश वैष्णव, सोनू उर्फ नीरज गोयल निवासी खातौली सहित दो अन्य पुलिस स्टाफ के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है।
आपराधिक प्रखंड की पुष्टि होते ही सभी आरोपी पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया एवं 500 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।