भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय द्वारा 15 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें से चार के खिलाफ चार्जशीट के निर्देश दिए गए हैं। मामला शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में गरीबों के राशन के साथ गड़बड़ी का है।
पढ़िए मध्य प्रदेश राशन घोटाला की कहानी
पिछले महीने अक्टूबर में भोपाल में बड़ा राशन घोटाला सामने आया। राशन माफिया के साथ मिलकर अफसर गरीबों का राशन डकार रहे थे। करीब 10 महीने से उन्होंने न तो स्टॉक की जांच की और न ही ये पता लगाया कि उपभोक्ताओं को राशन मिल रहा है या नहीं। प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई से शिकायत की गई। विभाग के संचालक दीपक सक्सेना ने 12 टीमें बनाईं। 24 अफसरों को 70 राशन दुकानों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी। जांच में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई, लेकिन अफसर इसमें भी घपलेबाजी कर गए। इसके चलते उन पर भी गाज गिर गई।
मध्य प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निलंबित अधिकारियों की लिस्ट
तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक ज्योति शाह नरवरिया, सहायक आपूर्ति अधिकारी संतोष उइके व दिनेश अहिरवार, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी विनय सिंह, प्रताप सिंह, सत्यपाल सिंह जादौन व एलएस गिल शामिल हैं। इसी तरह जांच में गड़बड़ी करके सस्पेंड होने वालों में सहायक आपूर्ति अधिकारी भोपाल अनिल तंतुवाय व राजेश खरे, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी भोपाल सौरभ जैन, राजगढ़ के सुरेश गुर्जर, नर्मदापुरम के आशीष तोमर, भोपाल के अंकित हंस व विदिशा के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी शरद पंचोली शामिल हैं। भोपाल डायरेक्टरेट में पदस्थ सहायक संचालक अनिल तिवारी भी निलंबित किए गए हैं।
घोटाले की जांच में क्या-क्या मिला
- गेहूं-चावल का स्टॉक कम मिला तो शकर भी कम पाई गई।
- नमक, केराेसिन और मूंग का स्टॉक भी कम था।
- उपभोक्ताओं को निर्धारित राशन का वितरण नहीं किया गया।
- निर्धारित मूल्य से अधिक रुपए लिए जा रहे थे और रसीद नहीं दी गई।
- मशीन से वितरण मात्रा की जानकारी भी नहीं सुनाई जा रही थी।
- राशन के मोबाइल पर SMS भी नहीं भेजे जा रहे थे।
- दुकानों पर बीपीएल एवं अंत्योदय राशनकार्ड धारियों की सूची नहीं चस्पा की गई।
इनके खिलाफ चार्जशीट
राजगढ़ के सहायक आपूर्ति अधिकारी जसराम जाटव, डायरेक्टरेट में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी मयंक चंदेल व भोपाल डायरेक्टरेट में सहायक आपूर्ति अधिकारी सयैद परवेज नकवी और भोपाल डायरेक्टरेट में ही कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रामकन्या कछावा शामिल हैं।