प्राड्न्याय का सिद्धांत क्या है और भारतीय संविधान में इसका महत्व क्यों है- legal general knowledge

सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 11 पूर्व न्याय अर्थात प्राड्न्याय को परिभाषित करता है। उक्त धारा के अनुसार न्यायालय किसी ऐसे वाद या मामलों का विचारण दोबारा नहीं करेगा जिसका निर्णय न्यायालय द्वारा किया जा चुका है। साधारण शब्दों में कहें तो किसी भी व्यक्ति को उसी एक वाद के लिए दोबारा परेशान नहीं किया जाएगा जिसका निर्णय हो गया है।

प्राड्न्याय के सिद्धांत से क्या फायदा होता है जानिए:-

1. मुकदमेबाजी का अंत होता है।
2. दोहरे वादों से सुरक्षा होती है।
3. न्याय निर्णीत मामले को सही समझा जाएगा।
4. राज्य के हितों में।

भारतीय संविधान में प्राड्न्याय के सिद्धांत का महत्व

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 में प्राड्न्याय के सिद्धांत को निम्न प्रकार से महत्व दिया गया है:-
1. यदि कोई वाद गुणावगुण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा विनिश्चित किया जा चुका है तो उन्हीं तथ्यों पर दोबारा सुप्रीम कोर्ट में नहीं लाया जा सकता है।
2. यदि कोई वाद गुणावगुण पर हाईकोर्ट द्वारा विनिश्चित किया जा चुका है तो उन्हीं तथ्यों पर दोबारा सुप्रीम कोर्ट में नहीं लाया जा सकता है।

 प्राड्न्याय का सिद्धांत कहाँ लागू नहीं होता है जानिए :-

 • अगर गुणावगुण पर तय नहीं किया गया है तब प्राड्न्याय का सिद्धांत लागू नहीं होगा।
• अनुच्छेद 32 एवं अनुच्छेद 226 के अंतर्गत लगाई गई बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका में भी प्राड्न्याय का सिद्धांत लागू नहीं होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!