जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित उच्च न्यायालय ने दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारियों की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सागर के उस आदेश को स्थगित कर दिया है जिसमें कर्मचारियों की सेवाएं आउट सोर्स कंपनी को सौंपी जा रही थी। न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने इस अंतरिम आदेश के साथ ही प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय, सागर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
याचिकाकर्ता 10 दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मियों की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व भारतदीप सिंह बेदी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता जिला चिकित्सालय, सागर में दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत हैं। उनका मामला श्रम न्यायालय में लंबित है। वहां से स्थगन आदेश जारी है। इसके बावजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उनकी सेवाएं मनमाने तरीके से आउटसोर्स कंपनी को सौंपने का निर्णय ले लिया गया।
याचिकर्ता 2007 से कलेक्टर दर पर कार्यरत हैं। नौ अक्टूबर, 2020 को श्रम न्यायलय, सागर द्वारा अंतरिम स्थगन आदेश पारित कर याचिकाकर्ताओं की सेवाओं में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किए जाने का आदेश दिया है। इसके बावजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 28 सितंबर, 2021 को सेवाओं में परिवर्तन करते हुए याचिकाकर्ताओं की सेवाएं एक निजी कंपनी (सेडमैप) को आउटसोर्स पर ट्रांसफर कर दीं।