ग्वालियर। बात यूट्यूब या किसी एक इंटरनेट सोर्स की नहीं है बल्कि बात लोगों की आदतों में हो रहे बदलाव की है। अजय कुमार टंडन ने यूट्यूब पर एक वीडियो देखकर उसमें दी गई जानकारी को वेरीफाई किए बिना ही इन्वेस्टमेंट कर दिया। नतीजा, अजय कुमार ठगी का शिकार हो गए और अब पुलिस मामले की इन्वेस्टिगेशन कर रही है।
यूट्यूब पर वीडियो देखकर लालच में आ गए
यह मामला ग्वालियर यूनिवर्सिटी थाना क्षेत्र में सिटी सेंटर का है। आरोपी कंपनी का हेड क्वार्टर मुंबई में बताया गया है और उसके संचालक का नाम सुभाष जेवरिया बताया है। शिकायतकर्ता अजय कुमार टंडन ने बताया कि वह प्राइवेट जॉब करते हैं। यूट्यूब पर एक वीडियो देखने के बाद मुंबई की कंपनी में बिटकॉइन के लिए फंड ट्रांसफर किया था। कंपनी के ऑनलाइन पोर्टल पर फंड वैल्यू बढ़ती हुई दिखाई दी। 2017 में जो बिटकॉइन ₹1 में खरीदा था वह अब ₹110 का हो गया था।
कंपनी को वेरीफाई किए बिना 1.60 करोड़ रुपए का पेमेंट कर दिया
अजय कुमार टंडन ने बताया कि जब उन्होंने अपना फंड विड्रोल करने के लिए अप्लाई किया तो उनकी एप्लीकेशन रिजेक्ट हो गई। पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता अजय कुमार टंडन में कंपनी के संचालक सुभाष जेवरिया के लिए कमीशन एजेंट के रूप में भी काम किया। ज्यादा पैसा कमाने के लिए अजय कुमार टंडन ने अपने दोस्तों रिश्तेदारों का पैसा भी इसी कंपनी में लगवा दिया, और अब पता चला है कि सब का पैसा डूब गया है, क्योंकि सबके साथ ठगी की गई है।
भोपाल समाचार की नई परंपरा: खबर का सबक
इस खबर से यह सबक मिलता है कि मामला इन्वेस्टमेंट का हो या शादी का। इंफॉर्मेशन का सोर्स ऑनलाइन हो या ऑफलाइन लेकिन फैसला लेने से पहले उसे अपने तरीके से वेरीफाई जरूर करना चाहिए। यदि समझ में नहीं आता तो किसी ऐसे व्यक्ति की मदद लेनी चाहिए जिसे उन चीजों का वेरिफिकेशन करना आता हो। हमेशा ध्यान रखिए ठगी का शिकार होने वाले ज्यादातर लोग लालच में अंधे होकर वेरिफिकेशन के नियम भूल जाते हैं। अजय टंडन का केस रजिस्टर्ड कर लिया गया है और पुलिस इंक्वायरी कर रही है।